साथ मिल अलख जगाएं
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तजें हम आरोप-प्रत्यारोपण, बढ़ें साथ मिल अलख जगाएं,साहित्यलोक निकुंजित प्रांगण, चल उड़ान नभ गूँज कराएं। आशंकाओं लसित सभी जग, हम आपस में विश्वास जगाएं,साहित्यांगन दीपक अपनापन, समरसता आलोक जलाएं। हम एक संघ एकत्व भाव मन, सहयोग परस्पर शक्ति बढ़ाएं,एक धर्म हिन्दीमय हो भारत, काव्य गूंज नव क्रान्ति जगाएं। साहित्य … Read more