गुब्बारे वाला

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* नन्हा बालक फुटपाथ पर,बेच रहा है गुब्बारेले लो भाई गुब्बारे,रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे। नहीं जानता वह,क्या होता है बाल श्रम ?वह जाने बस भूख को,जिसे मिटाने बेचता गुब्बारे।रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे……

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पैग़ाम-ऐ- मोहब्बत

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** मेरा पैग़ाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे,आरज़ू है कि वो सबके मकां तक पहुंचे। एक खुशबू की तरह फैले अमन की बातें,बात ऐसी हो दुआ…

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मजबूरी-बाल मजदूरी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** बचपन होता सबका प्यारानहीं भूलता जीवन सारा,पर कुछ बच्चों की मजबूरी-स्कूल छोड़ करते मजदूरी। किसी के पालनहार नहीं हैंकिसी के घर बीमार कोई है,कोई ग़रीबी से है…

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संस्कार विहीन नारी

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** आज की नारी शातिर, उस्ताद हुई,यह तो बदहवास हुईथी नारायणी,‌ बेरहम ‌हुई,आधुनिकता के नाम, बेलगाम हुई।आज की आधुनिक-नारी संस्कार- विहीन हुई… सहनशीलता त्याग पासा पलट…

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जेठ की धूप

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ जेठ महीने की चिलचिलाती धूप में पसीने से लथ-पथ सरला सिर पर ईंट रख कर ढो रही थी। आज कई दिनों के बाद उसे काम मिला था।…

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करें आत्ममंथन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* करें आत्ममंथन सुपथ, प्रथम कार्य शुरूआत।बढ़ें अटल संकल्प पथ, फँसे नहीं जज़्बात॥ रहें मौन सबको सुनें, निर्णय लें शुरूआत।मिले कर्म फल ज़िंदगी, हो सुख…

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संस्मरण स्मृतियों का उत्सव-डाॅ. उपाध्याय

गोष्ठी... इंदौर (मप्र)। वामा साहित्य मंच गंगा तीर्थ के समान है और लेखिकाओं में सृजन की देवी है। संस्मरण स्मृतियों का उत्सव है। संस्मरण में सीमाएं होती है, जब वह…

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उठो! राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दो

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व... किशोरावस्था में बहुत-सी ऐतिहासिक पुस्तकें पढ़ने का सौभाग्य मिला। अनेक लोगों के व्यक्तित्व से मैं बेहद प्रभावित हुई।उनमें से एक महान व्यक्तित्व था विष्णु गुप्त...,…

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अंतिम उड़ान

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** अहमदाबाद विमान हादसा... आशाओं से पूर्ण विमान जब नीले गगन में उड़ चला,किसे पता था नियति का प्रहार उस पल था पीछे खड़ासपनों की वो रेखाएँ जो…

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ज़िंदगी का क्या भरोसा ?

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** अहमदाबाद विमान हादसा... ज़िंदगी का क्या भरोसा,उड़ते-उड़ते बिखर गए सपनेउड़ान भरी थी, उम्मीदों ने,और आँखों में था कल का नक़्शा। सुबह की फ्लाइट थी,बच्चे ने…

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