बरस रहे अंगार
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आसमान से आज तो, बरस रहे अंगार।पैर जल रहे, सिर तपे, सूरज की है मार॥ सूरज तो अब हो गया, सचमुच में खूँखार।आज आदमी त्रस्त है,…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आसमान से आज तो, बरस रहे अंगार।पैर जल रहे, सिर तपे, सूरज की है मार॥ सूरज तो अब हो गया, सचमुच में खूँखार।आज आदमी त्रस्त है,…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** मैंने चुपचाप हर सुबह को सवेरा किया,तेरे लिए हर अंधेरे को उजाला कियातेरी थकान में खुद को भुला बैठी,तेरे ख्वाबों को अपना बना बैठी। मैंने वो…
धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************************* है वक़्त नहीं कि कुछ कहा जाए,तो वक़्त यही कि सब कुछ सहा जाएहै वक़्त वही कि सब मिटा दिया जाए,वो वक़्त नहीं जिसे बदल…
पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ “माँ मैं नर्वस फील कर रही हूँ, इतने बड़े स्टेज पर बैठ कर गीत गाना मुझसे नहीं होगा। मैं अपना नाम वापस लेती हूँ।”सरिता जी ने बेटी…
डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* चलता उष्ण समीर, नौतपा खूब तपाता।सूर्य दिखाता ताव, बदन को आग लगाता॥बारिश ही अब आस, धरा की प्यास बुझाए।खाली ताल-तडाग, सभी फिर से भर जाए॥…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** जब खिड़की खोलकर देखती हूँ,बाहर का नजाराचिड़ियों की चहक,दोस्तों का दिखनाठंडी हवा,फूलों की खुशबूकर देती मन को ताजा,सूरज की किरणेंघर में उजास भर देती,जब सुबह खिड़की खोलती। अब…
इंदौर (मप्र)। हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धा कराने से रचनाशिल्पियों का उत्साह बढ़ रहा है। इसी श्रंखला में 'क्या सबसे अच्छी दोस्त…?' (विश्व पुस्तक दिवस विशेष) विषय पर…
जबलपुर (मप्र)। डाॅ. कर्नल आदि शंकर मिश्र 'आदित्य' (लखनऊ) हिंदी के प्रचार-प्रसार में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव में शारीरिक शिथिलता के बाद भी हिंदी…
जबलपुर (मप्र)। सशक्त हस्ताक्षर संस्था व प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा रचनाकारों को सशक्त मंच देने के साथ ही हिंदी प्रेमियों को सम्मानित करने की दिशा में भी कार्य कर रही…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सदाचार के पथ पर चलना, कभी न फिर तुम आँखें मलना।जीवन में अच्छाई वरना, हर दुर्गुण को नित ही हरना॥ कभी काम खोटा नहिं करना, नेह-नीर…