बढ़ता ही जा रहा हूँ
सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* हर गुजरते वक्त के साथमैं बढ़ता ही जा रहा हूँ,व्यसनों के अम्बार परबेहिसाब चढ़ता ही जा रहा हूँ। आठ-दस फिट कद रहा था कभी मेराआज सौ-पचास से ऊपर जा रहा हूँ,कुदृष्टि भर डाली थी मैंने सीता मैया परअब घिनौना अपराधी बनता जा रहा हूँ। कभी था अत्यंत ज्ञानी पांडित्य पूर्णशिवजी का … Read more