जो विश्व को सुंदर बनाती है, बड़ी कविता वही
लोकार्पण... पटना (बिहार)। वेदना जितनी गहरी होती है, कविता उतनी ही बड़ी होती है। बड़ी कविता वही है, जो विश्व को सुंदर बनाती है।यह बात रविवार को पूनम सिन्हा रचित…
लोकार्पण... पटना (बिहार)। वेदना जितनी गहरी होती है, कविता उतनी ही बड़ी होती है। बड़ी कविता वही है, जो विश्व को सुंदर बनाती है।यह बात रविवार को पूनम सिन्हा रचित…
डॉ. सुभाष शर्माऑस्ट्रेलिया********************************** जनभाषा में न्याय… पटना उच्च न्यायालय के परिसर में हुई परिचर्चा से संबंधित समाचार पढ़कर मन में आशा की लहर जगी। जिस प्रदेश ने भारत को पहला…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* इस ज़िंदगी में हमें,किसी ऐसे की ज़रूरत होती हैजो हमें सिर्फ देखे नहीं,बल्कि महसूस करेजो जान सके कि हम,कब हार मानने वाले हैं!और हिम्मत करके,हमारे लिए…
दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* उम्र के इस दौर में,आ गए हैं हमलोग क्या कहेंगे,परवाह कम करने लगे हैं हम।उम्र के इस दौर में,आ गए हैं हम… जिम्मेदारियों का बोझ,उतार अपने कंधों…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* हँसते-गाते कट जाते दिन, जब होते अपनें साथ।इंद्रधनुषी रंग बिखेरें, हो हाथों में हाथ॥ अपनों का यदि साथ नहीं, ना होता जीवन आबाद,मात-पिता, भाई-बहन, बेटा-बहू,…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** नित उठें सबेरे योग करेंतन-मन से आलस दूर करें,यदि नियमित योग करेंगे हमरोगों से मुक्त रहेंगे हम। बच्चा, बूढ़ा हो या जवानसब सीख योग बनें बलवान,यदि अभी…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ ये दुनिया जहान का मेला,लगा हुआ है संसार मेंकोई साथी नहीं है यहाँ तेरा,क्योंकि आना-जाना लगा रहता है…। ज़िन्दगी की डोर कब टूट जाए,पता ही…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मेरी खिड़की पर आ जा तितली, सतरंगी मधुरिम उड़ान हैखुशियाँ सुख मुस्कानों भर दे, सत्य प्रकाशित नव विहान हैमनमानी करती उड़ती चहुँ खोल पंख…
सोनीपत (हरियाणा)। हिन्दी भाषा एवं सद्साहित्य के संवर्धन हेतु कृतसंकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था की २०२वीं काव्य गोष्ठी २२ जून को हर्षोल्लास से हुई। इसमें हास्य-व्यंग्य एवं श्रृंगार रस की सरस…
डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** आज के समय में जब तकनीक हर क्षेत्र को बदल रही है, पत्रकारिता भी इससे अछूती नहीं रही। खासकर हिंदी पत्रकारिता में अब ऐसे एआई एंकर (एआई)…