क्या बतलाएं यार!
जी.एल. जैनजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* एक पागल केस्वस्थ्य होने पर,परीक्षक नेपरीक्षण के तौर पर,किए कुछ सवालताकि पता लग जाएकैसा है मरीज़ का हाल! परीक्षक नेचर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा-आप तोकाफी समझदार,नगर…
जी.एल. जैनजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* एक पागल केस्वस्थ्य होने पर,परीक्षक नेपरीक्षण के तौर पर,किए कुछ सवालताकि पता लग जाएकैसा है मरीज़ का हाल! परीक्षक नेचर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा-आप तोकाफी समझदार,नगर…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* सघन मेघ का गगन देख फूला न समाई सारी इमलियाँ,कंकाल बदन पर पल्लव छाए मनाने लगी अब रंगरलियाँवस्त्र बेशकीमती ओढ़ बदन पर सज्जित हुई गली-गलियाँ,बांध दिए…
गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** आखिर में मैं जीत ही गया, ये बात मैं जानता हूँ,सच्चाई का रास्ता हमेशा कठिन होता है, ये मैं जानता हूँ। आखिर में, मैं जीत गया,…
मंजू अशोक राजाभोजभंडारा (महाराष्ट्र)******************************************* लाल गुलाब से एक दिन मैं यूँ ही पूछ बैठी,आखिर क्या हमसे है रहती, तुम्हारी अभिलाषा ? वह मुझसे कहने लगा,-बहुत दिनों से थी, मेरे मन…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** एक समय था जब शादियों में परम्परागत आयोजन भर हुआ करते थे। परिवार में सगे-संबंधियों एवं ख़ास मित्रों को ही स्थान मिल पाता था, पर अब तो…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* गर्मी की छुट्टी पड़ी, खुशियाँ बाल अपार।बंद शैक्षणिक संस्था, गर्मी मास प्रहार॥ तपिश ग्रीष्म जलती धरा, बहती तप्त बयार।कठिन हुआ गमनागमन, जला रहा लू…
ऋचा गिरिदिल्ली*************************** तुम देश हित की बात करो, तुम देश गीत की बात करो,दुश्मन को जिससे बल मिले, ना धर्म करो, न जात करो,ना ही ऐसी कोई बात करो। चलो…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ हाथों में तिरंगा थाम,हम अपने देश के बहुमान के लिएतीनों सेनाओं का सम्मान करें,क्योंकि भारत की शान तिरंगा है। देश सर्वोपरि है और हमेशा रहेगा,हमारी…
सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** एक दिन मैंने पुष्प को छुआ,पुष्प मुस्करा कर बोला-क्यों आए हो ?मैंने कहा, -बस तुम्हें निहारने,बस निहारने ही आए हो!मैंने अनमने मन से पूछा-मैं तुम्हारी…
पटना (बिहार)। अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान करने वाले युग-प्रवर्त्तक साहित्यकार आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी थे। हिन्दी भाषा और साहित्य के महान उन्नायकों…