बात वो ना रही आजकल बात में…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** बात वो न रही आजकल बात में,कुछ फफोले फूटे हैं ख़यालात में। बस तिजारत करो तुम न जज्बात की,प्यार तौलो नहीं हर मुलाकात में। मौसिकी है सुकूँ…

Comments Off on बात वो ना रही आजकल बात में…

सजे अल्फ़ाज़ पढ़ना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* शौक उनका है मुहब्बत से सजे अल्फ़ाज़ पढ़ना।दिल कहे हमसे मुहब्बत से भरे जज्बात लिखना। जो कभी मिलते नहीं दिल चाहता उनसे खुदाई,वक्त मरहम जब…

Comments Off on सजे अल्फ़ाज़ पढ़ना

ख़्वाब में नहीं देखा

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** किताब-ए-ज़िंदगी के बाब में नहीं देखा।बहुत दिनों से उसे ख़्वाब में नहीं देखा। बहुत दिनों से मेरी आँखों में अँधेरा है,बहुत दिनों से उसे…

Comments Off on ख़्वाब में नहीं देखा

संघर्ष भरा जीवन…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... संघर्ष भरा जीवन, मजदूर जिया करते।हर एक मशक्कत से, दु:ख दूर किया करते। संघर्ष जरूरी है हालात बने जो भी,बिस्मिल…

Comments Off on संघर्ष भरा जीवन…

पसीना बहाते रहे

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... सुख की खातिर दुखों को उठाते रहे,राह में नित पसीना बहाते रहे। बारिशों से कभी हार माने नहीं,गर्मियों में सड़क…

Comments Off on पसीना बहाते रहे

तबस्सुम उदास है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** आँखें हैं अश्क-बार तबस्सुम उदास है,अल्फ़ाज़ चुप हैं और तकल्लुम१ उदास है। मूसीक़ी२ बिन तेरे न रही मेरी ज़ीस्त३ में,टूटा है दिल का साज़…

Comments Off on तबस्सुम उदास है

नसीब मेरा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प: १२१२-२१२-१२२-१२१२-२१२-१२२... मिले कभी तो मुझे मुहब्बत, सजा सके जो नसीब मेरा।जिसे जरूरत मुहब्बतों की, बना रहे वो हबीब मेरा। मिटे न मुश्किल मिले न…

Comments Off on नसीब मेरा

दस्तूर न बदले

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* वक्त बदले हाल बदलें, पर कभी दिल भी न बदले।दौर बदलें तो न फितरत भी कभी दिल की न बदले। दिल किया करते मुहब्बत देन…

Comments Off on दस्तूर न बदले

सजाता नहीं

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* कौन जज्बात दिल में सजाता नहीं।कौन इनको बना के मिटाता नहीं। हर किसी की बनी हसरतें दिल में ही,बिन जुबां का बना ये सुनाता नहीं।…

Comments Off on सजाता नहीं

यहीं होंगी बहारें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* आप आओ तो सजा लें,जिन्दगानी की बहारें,वक्त खुद का हम सजाएं,तो यहीं होंगी बहारें। दिल खुदी मिटने न दे तो,ये सभी को ही सजाती,प्यार से…

Comments Off on यहीं होंगी बहारें