महफ़िल तेरे नाम की

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** मुझको मर के जवाब देना है।हर गुनाह का हिसाब देना है। बारहा मुझको खार देते हैं,उनको ताजा गुलाब देना है। बुग्जो नफरत को आम करते हैं,ऐसे जज्बों को दाब देना है। दिल की धरती खिज़ा रशीदा है,दिल की धरती को आब देना है। मेरी खुशियों का खून कर डाला,और भी … Read more

धुआँ-धुआँ है ज़िंदगी

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** तेरे संचे में ढल रही हूँ मैं।रफ्ता-रफ्ता पिघल रही हूँ मैं। तुझको उठता धुआँ दिखे ना दिखे,पर यह सच है कि जल रही हूँ मैं। क्यूं ना हैरान होती दीवारें,दायरों से निकल रही हूँ मैं। मोड़ तुझको सलाम अब मेरा,अपना रस्ता बदल रही हूँ मैं। मुझको कुछ भी खबर नहीं … Read more

जवाब देना है

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’,जोधपुर (राजस्थान)************************************** मुझको मरके जवाब देना है।हर गुनाह का हिसाब देना है। बारहा मुझको खार देते हैं,उनको ताजा गुलाब देना है। बुग्जो नफरत को आम करते हैं,एसे जज्बों को दाब देना है। दिल की धरती खिज़ा रशीदा है,दिल की धरती को आब देना है। मेरी खुशियों का खून कर डाला,और भी कुछ … Read more

है न कमाल

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* बस बवाल ही बवाल भर रखा है इस सवाल में।हम क्यों उलझते चले जाते हैं तेरे ख्याल में। कितना समझाया मगर कमबख़्त उफन गया दिल,वो जूनून ही क्या जो थम जाए एक उबाल में। सुराख़ करने आसमां में फेंका जोश-ए- पत्थर,फूटा सिर लिए खड़ा है बचकानी उछाल में। जंग-औ-इश्क़ में सब जायज … Read more

नया जीवन मिला

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ नया जीवन मिला हमको, यही सच बात है यारों।मेरे घर में भरी खुशियाँ, झड़ी बरसात है यारों। बड़ा आसां हुआ जीना, मेरा फिटनेस बॉडी से,एनर्जी आ गई तन में, सुहानी रात है यारों। बताते हैं सभी कोचें, रहें कैसे निरोगी हम,हुआ अब सन्तुलित भोजन, मिली सौगात है यारों। सुबह उठना … Read more

क्या अदावत है

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** रचनाशिल्प: १२२२-१२२२-१२२२-१२२२… हमारी तो सियासत ना रियासत ना हुकूमत है,महज इत्ता जरा-सा दिल किया बेजा बगावत है। उसे कहते इधर आओ, कहा-मानो ए दीवाने,नहीं आता इसे, हम क्या करें ये क्या कयामत है। चुराता आँख से काजल, निकल जाता नजाकत से,लगाता तोहमत हम पे न जाने क्या अदावत है। मचलता दिल तमन्ना … Read more

गम दफ़ा किया जाए

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** क्यों न गम को दफ़ा किया जाए,जिंदगी को सज़ा किया जाए। छोड़ कर बेइमानियों का घर,फर्ज खुद का अता किया जाए। जिंदगी भी कहीं मिल जाएगी,क्यों सफ़र से गिला किया जाए। मसले तो होते हल की ही खातिर,बैठ गर मशवरा किया जाए। लोग खुशियाँ जलाते औरों की,फूँक कर गम मजा किया जाए। … Read more

बात वो ना रही आजकल बात में…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** बात वो न रही आजकल बात में,कुछ फफोले फूटे हैं ख़यालात में। बस तिजारत करो तुम न जज्बात की,प्यार तौलो नहीं हर मुलाकात में। मौसिकी है सुकूँ सुन के देखो जरा,रूह पाती अमन चैन ऩग्मात में। एहतियातन बताना जरूरी लगा,सीख का जश्न फिर जीत हर मात में। सादगी-सा उजास तो दिखता नहीं,रंगिनी … Read more

सजे अल्फ़ाज़ पढ़ना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* शौक उनका है मुहब्बत से सजे अल्फ़ाज़ पढ़ना।दिल कहे हमसे मुहब्बत से भरे जज्बात लिखना। जो कभी मिलते नहीं दिल चाहता उनसे खुदाई,वक्त मरहम जब लगा दे सीख ले हालात लिखना। दिल सभी का प्यार करता देन कुदरत से हुई है,प्यार की इस देन को हम चाहते सौगात लिखना। कह … Read more

ख़्वाब में नहीं देखा

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** किताब-ए-ज़िंदगी के बाब में नहीं देखा।बहुत दिनों से उसे ख़्वाब में नहीं देखा। बहुत दिनों से मेरी आँखों में अँधेरा है,बहुत दिनों से उसे ख़्वाब में नहीं देखा। हक़ीक़तन भी जिसे देखना न था मुमकिन,बहुत दिनों से उसे ख़्वाब में नहीं देखा। वो जिसको देख के सूरज भी नूर … Read more