हमसफ़र हुई बारिश

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** बेशतर हुई चाहे, मुख़्तसर+हुई बारिशवस्ल-ओ-हिज्र दोनों में, मो'तबर+ हुई बारिश। दिल के भीगे काग़ज़ पर, 'ऐन-शीन-क़ाफ़' उभराउंगलियों की हरकत से, उफ़ शरर हुई बारिश।…

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ले उड़ा ख्याल मुझे

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** ले उड़ा, फिर कोई खयाल मुझे।कर दिया जिसने फिर निहाल मुझे। मेरी किस्मत पे लगी हासिद की नजर,उन पे आता है अब जलाल मुझे। आग…

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पैग़ाम-ऐ- मोहब्बत

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** मेरा पैग़ाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे,आरज़ू है कि वो सबके मकां तक पहुंचे। एक खुशबू की तरह फैले अमन की बातें,बात ऐसी हो दुआ…

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जलते चिराग

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** ख़ुदगर्ज़ सब रफीक फरामोश हो गए।कुछ वक़्त के साए में भी बेहोश हो गए। महफिल में उनके आने की चर्चा सुनी मैंने,हम तो उसी खबर…

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दीदार हो जाए

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** आओ न उनका एक दीदार हो जाए,बेचैन दिल फिर एक बार मौन हो जाए। आओ तस्वीर दिखाऊँ एक महबूब की,दिल में बसी यादें वो भी…

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काश! हमदम मिले कोई

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** काश! हमदम मिले नया कोई,दर्द-ए-दिल की मिले दवा कोई। मुद्दों से खुशी मिली ही नहीं,दिल तरसता, मिले मज़ा कोई। कल सुनहरा हो आरज़ू ये है,मेरी…

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साथ चलें सभी, तभी देश

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** सौ धागे इक साथ मिलें मोटी रस्सी बन जाए,अलग-अलग जब स्वर मिलें, सुंदर गीत बन जाए। सुख-दु:ख में लोगों के जब हाथ थाम कर चलते,मन…

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शोर बहुत

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** दायरे और बढ़े ये कोई अच्छा तो नहीं,वो सुधर जाएगा ऐसा कोई वायदा तो नहीं। शहर में शौर है सड़कों पे हैं इंसान बहुत,होने वाला…

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मन के भाव

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** सपने नित नए जगने लगे हैं।मन के भाव गुनगुनाने लगे है। आने वाला था वो नहीं आया,कमल के फूल कुम्हलाने लगे हैं। ये उदासी के…

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इश्क़ करना खता थी

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** नासमझ बेअदब, बेवफा, आदमी,खुद को भी अब समझता है खुदा आदमी। ज़िंदगी बर्बाद कर डाली है उसने प्यार में,बारहा पैरों से जमीं छीन लेता आदमी।…

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