उद्यम संजीवन जगत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* उद्यम संजीवन जगत, हरित भरित संसार।सज्जित हो काया धरा, खुशियों का अम्बार॥ खिलती धरती कर्म से, सुरभित हो परमार्थ।सरित सिन्धु पर्वत बिपिन, उन्नति चहुँ…

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रचा संसार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शुक्ला कन्या तृतीया, ब्रह्मा सप्तक पूत।जन्म दिवस शुभकामना, आराधन विधि सूत॥ अभियन्ता जग में प्रथम, प्रथम सृष्टि निर्माण।रचे देव देवी महल, किया लोक का…

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भगवान् विश्वकर्मा जी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शुक्ला कन्या तृतीया, ब्रह्मा सप्तक पूत।जन्म दिवस शुभकामना, आराधन विधि सूत॥ अभियन्ता जग में प्रथम, प्रथम सृष्टि निर्माण।रचे देव देवी महल, किया लोक का…

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बाट जोहती प्रियतमा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तीज सनातन पर्व में, नार्य शक्ति उपवास।पीहर दीर्घायु बने, रखती व्रत विश्वास॥ तीज कठिन उपवास है, निर्जला निराहार।पूजे सायं चाँद को, वैदिक मंत्रोच्चार॥ रक्षा…

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क्षमा मनुज भूषण

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* क्षमा मनुज भूषण जगत, है प्रतीक आचार।शील त्याग गुण कर्म पथ, धवल कीर्ति आधार॥ ममता करुणा क्षमा मन, नीति न्याय श्रृंगार।तज माया खल काम…

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महको कमल बन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कीचड़ में खिलता कमल, सुरभित करता लोक।शोभित कर हरि लक्ष्मी, कर्म कीर्ति आलोक॥ मिले गर्त उपहास बहु, फँसें नहीं खल फाँस।खिलें विवेकी अरुणिमा, सुमति…

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दो ऐसा वरदान

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*********************************************** श्री शिवाय नमस्तुभ्यम... सदा लगाऊँ ध्यान मैं, सर्वरूप भगवान।भव बंधन से मुक्ति का, दो ऐसा वरदान॥ सर्वरूप भगवान शिव, सकल सुखों की खान।मन से जो…

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सुख की हो बरसात अब

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*********************************************** श्री शिवाय नमस्तुभ्यम.... सुख की हो बरसात अब, हे भोले शिवनाथ।करूँ वन्दना आपकी, जोड़े दोनों हाथ॥ जोड़े दोनों हाथ हम, शिव शंकर नटराज।करो दूर संकट…

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गढ़ते शिष्य सुजान

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** शिक्षक समाज का दर्पण... शिक्षक का आदर करो, गुरु जन पूजित मान।मात प्रथम गुरु सिद्ध है, पितु भी गुरुवर जान॥ जो हमको शिक्षित करे, शिक्षक गुरुसम मान।उनको कर…

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मैं हूँ शिक्षक आज का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* गुरु गुरुता गरिमा गहन, गुणागार गुणधाम।मिटे शोक अज्ञान तम, श्रद्धा भक्ति प्रणाम॥ मैं हूँ शिक्षक आज का, नवचर्या नव ज्ञान।संवाहक नव सोच का, बाल…

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