बनें नहीं मायूस हम
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)************************************************** गिरी अचानक आपदा, भाग्य रहे हम कोस।धरे हाथ पर हाथ हम, करते बस अफ़सोस॥ मिले राह गुमराह को, नयी सीख हर हार।बने धीर साहस सबल, मिले धार पतवार॥ आती हैं जीवन विपद, मति विवेक हों पार।बनें नहीं मायूस हम, वरना होगी हार॥ तनिक विफलता क्या मिली, होते हम मायूस।तजे लक्ष्य … Read more