दाता है वही

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय नमस्तुभ्यम… सुखमय-सा संसार हो, मिले कृपा वरदान।जप तप पूजा अर्चना, करता हूँ गुणगान॥ करता हूँ गुणगान मैं, लेकर प्रभु का नाम।सब कुछ दाता है वही, वंदन सुबह व शाम॥ वंदन सुबह व शाम को, करते हैं जो लोग।उनके जीवन में सदा, बनते शिवमय योग॥ बनते शिवमय योग हैं, … Read more

उचित सम्मान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मातु पिता गुरु श्रेष्ठ को, सदा उचित सम्मान।सच में संजीवन बने, करते जीवन दान॥ सदाचार शिक्षण मिले, शिक्षा नैतिक ज्ञान।मानवीय मूल्यक सदा, मिले कीर्ति सम्मान॥ सबकी चाहत लोक में, मिले समादर मान।कर्मवीर सच सारथी, सेवा परहित शान॥ लौटे खुशियाँ बचपना, दीन अधर मुस्कान।दीप जले घर ज्ञान का, मिले सुखद … Read more

मिलती शिव कृपा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय नमस्तुभ्यम… सुनो मूढ़ इंसान सब, मत बनना अनजान।तुझमें शिव का वास है, ईश्वर को पहचान॥ ईश्वर को पहचान कर, कर लो तुम अनुराग।मिलती ऐसी है कृपा, जाती किस्मत जाग॥ जाती किस्मत जाग है, सभी झुकाओ माथ।भरते सबकी झोलियाँ, मेरे भोलेनाथ॥ मेरे भोलेनाथ की, महिमा अपरम्पार।हाथ जोड़ विनती करो, … Read more

नीलकंठ दर्शन विहग

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* खल कामी हिंसक दनुज, हो विनाश नवरात्र।महादेव विषपान से, नीलकंठ शिव गात्र॥ विजया दशमी मांगलिक, रखें जयन्ती शीश।नीलकंठ दर्शन विहग, प्रमुदित शिवा गिरीश॥ नीलकंठ दर्शन सुगम, यात्रा हो कैलाश।सिद्धिदातृ वर दे जगत, राष्ट्र शत्रु कर नाश॥ नीलकंठ शिव शक्तिमय, दर्शन शुभ अभिराम।तम रावण हर पाप मन, जीवन हो सुखधाम॥ … Read more

नव विजय कहूँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* विजयादशमी विशेष… विजया दशमी दशहरा, हिन्द सनातन धर्म।सत्य न्याय शुभ आचरण, क्षमा दया गुण मर्म॥ मंगलमय शुभकामना, विजयादशमी पर्व।शान्ति सुखद आरोग्य हों, सद्भावित जग सर्व॥ सिद्धिदातृ विजया सृजित, उत्सव यश पुरुषार्थ।नार्य शक्ति सम्मान यह, परहित पथ धर्मार्थ॥ पापी खल आतंक से, कर दुर्गे जग त्राण।कबतक लंकेश्वर जले, करो क्षमा … Read more

शम्भू शरण उत्तम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** मिल जाते सुखधाम जब, भक्ति भाव विश्वास।शम्भु शरण उत्तम यहाँ, होती पूरी आस॥ होती पूरी आस है, ले लो शिव का नाम।प्रभु तो दीनदयाल हैं, करते पूरन काम॥ करते पूरण काम सब, मेरे भोलेनाथ।करता हूँ मैं वंदना, जोड़े दोनों हाथ॥ जोड़े दोनों हाथ को, वंदन सुबह व शाम।सुनते हैं भोले-शिवा, … Read more

स्कन्दमातु दे शक्ति

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शुक्ला चैत्री प्रतिपदा, सनातनी त्यौहार।शक्ति स्वरूपा पंचमी, स्कन्द अवतार॥ अभिनन्दन स्वागत नमन, करो मातु पद भक्ति।आराधन नवरात्रि में, स्कन्दमातु दे शक्ति॥ नीति प्रीति सुख संपदा, परहित सुख सम्मान।कार्तिकेय माँ भवानी, दे सम्बल वरदान॥ सबसे सबकी बन्धुता, सांस्कृतिक अभिमान।प्रेम शान्ति समरस वतन, स्कन्दमातु वरदान॥ आपस में सहभागिता, सांस्कृतिक अभिमान।राष्ट्र द्रोह … Read more

माँ ब्रह्मचारिणी प्रतीक साधना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आदिशक्ति माँ दुर्गा (नवरात्रि विशेष)… ब्रह्मचारिणी शैलजा, सत्य न्याय तू मूल।तुम प्रतीक तप साधना, रिद्धि-सिद्धि यश फूल॥ नारी शक्ति रूप में, आराधन नवशक्ति।आदिशक्ति माँ धारिणी, भज दुर्गा हिय भक्ति॥ कठिन शक्ति आराधना, शिवा शक्ति जगदम्ब।नवदिन सप्तशती पठन, दुर्गा पद अवलम्ब॥ माँ गौरी वृषवाहिनी, महिमा प्रीति अपार।ब्रह्मचारिणी अपर्णा, त्याग शील … Read more

लिए चेतना माता ब्रम्हचारिणी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* दिवस दूसरा ले रहा, जिस माता का नाम।ब्रह्मचारिणी मातु वे, जो हैं ललित ललाम॥ लिए चेतना संग में, विद्या और विवेक।भक्तों का नित शुभ करें, रखो इरादे नेक॥ देवी हैं जो ज्ञान की, देतीं हमको ध्यान।हवन करो उनके लिए, रख लेतीं जो आन॥ लिए कमंडल हाथ में, मंगलमय हैं भाव।दुष्टों का … Read more

करें नित साधना

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* आदिशक्ति माँ दुर्गा (नवरात्रि विशेष)… करो साधना मात की, मन में रख विश्वास।नव दिन के इस पर्व में, नव दुर्गा का वास॥ करता जो भी साधना, वह पाता आशीष।माॅं अम्बे के चरण में, सदा झुकाओ शीश॥ शारदीय नवरात्र में, सजते हैं दरबार।जहाँ विराजे शक्ति माॅं, होती जय जयकार॥ भक्त करें नित … Read more