कहलाते संकट हरण
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम…. नित सहाय बनते सदा, मेरे शिव नटराज।करते जो आराधना, उसके बनते काज॥ कहलाते संकट हरण, देवों के सरदार।सच्चे मन विश्वास से, देखो इन्हें पुकार॥ तन मन मैं अर्पण करूँ, सुन लो दीनदयाल।मिले कृपा शिव आपका, होऊँ मालामाल॥ मेरा मन शिव भक्ति में, लगा रहे अविराम।दूर कभी करना … Read more