कुल पृष्ठ दर्शन : 324

You are currently viewing हर मुश्किल से जूझ तू

हर मुश्किल से जूझ तू

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला(मध्यप्रदेश)
*******************************************

हर मुश्किल से जूझ तू, रहकर के गतिशील।
विपदाओं में ठोक दे, तू इक पैनी कील॥

गहन तिमिर डसने लगा, भाग रहा आलोक।
पर तू रख यदि हौंसला, तो हारेगा शोक।।

संघर्षों को जीतकर, रचना है इतिहास।
धूमिल हो पाये नहीं, तेरी पलती आस॥

जीवन काँटों से भरा, रखना होगा ध्यान।
अनगिनत तो जंजाल हैं, लाते जो अवसान॥

बच तूू नित्य अनर्थ से, रीति-नीति ले मान।
जग तुझको देगा तभी, जीवन में सम्मान॥

जो करता है पाप को, उसका घटता ताप।
इस संसारी खेल में, हर क्षण है अभिशाप॥

हिंसा यहाँ अनर्थ है, और छोड़ना धर्म।
मानवता के नाम पर, कर तू अच्छे कर्म॥

बच अनर्थ से नित्य ही, खुश होंगे भगवान।
तू पाएगा शान तब, कदम-कदम सम्मान॥

है अनर्थ संताप सम, हर लेता जो जोश।
मानव जाता नित्य तब, रोगों के आगोश॥

रह अनर्थ से दूर तू, तो पाएगा हर्ष।
होगा जीवन तब सुखद, जीते तू संघर्ष॥

है अनर्थ अँधियार सम, मत खोना उजियार।
जीवन को तू कर सहज, कर लज्जा से प्यार॥

परिचय–प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैL आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर को ग्राम प्राणपुर(चन्देरी,ज़िला-अशोक नगर, मप्र)में हुआ हैL एम.ए.(इतिहास,प्रावीण्यताधारी), एल-एल.बी सहित पी-एच.डी.(इतिहास)तक शिक्षित डॉ. खरे शासकीय सेवा (प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष)में हैंL करीब चार दशकों में देश के पांच सौ से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई हैंL गद्य-पद्य में कुल १७ कृतियां आपके खाते में हैंL साहित्यिक गतिविधि देखें तो आपकी रचनाओं का रेडियो(३८ बार), भोपाल दूरदर्शन (६ बार)सहित कई टी.वी. चैनल से प्रसारण हुआ है। ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं(विशेषांकों)का सम्पादन कर चुके डॉ. खरे सुपरिचित मंचीय हास्य-व्यंग्य  कवि तथा संयोजक,संचालक के साथ ही शोध निदेशक,विषय विशेषज्ञ और कई महाविद्यालयों में अध्ययन मंडल के सदस्य रहे हैं। आप एम.ए. की पुस्तकों के लेखक के साथ ही १२५ से अधिक कृतियों में प्राक्कथन -भूमिका का लेखन तथा २५० से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन कर चुके हैंL  राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में १५० से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति एवं सम्मेलनों-समारोहों में ३०० से ज्यादा व्याख्यान आदि भी आपके नाम है। सम्मान-अलंकरण-प्रशस्ति पत्र के निमित्त लगभग सभी राज्यों में ६०० से अधिक सारस्वत सम्मान-अवार्ड-अभिनंदन आपकी उपलब्धि है,जिसमें प्रमुख म.प्र. साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार(निबंध-५१० ००)है।