तृप्त करो शिव नाथ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… स्वर्ग हिमालय की धरा, जहाँ शम्भु का धाम।पावन इस कैलाश को, नमन करूँ अविराम॥ हे गंगाधर प्राण पति, जोड़ूँ दोनों हाथ।गंगा की जलधार से, तृप्त करो शिव नाथ॥ जग जननी माँ पार्वती, कैलाशी भगवान।शरण तिहारे आ पड़ा, ये बालक नादान॥ महादेव संकट हरण, महिमा करूँ बखान।मुझमें कुछ भी … Read more

दो हजार…

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दो हजार फिर बंद है, मचा देश भूचाल।दहशत में चोरी जगत, नेता फिर बेहाल॥ दो हजार का नोट भी, हुआ आज से बंद।लूट घूस फिर शोक में, नेता खुशियाँ मंद॥ दो हजार के बाद क्या, होगा यह फिर प्रश्न।ख़फ़ा कुबेरी सल्तनत, जनसाधारण जश्न॥ दो हजार प्रतिबंध से, जमाख़ोर भूचाल।पकड़ी … Read more

सम्हालो शंभू शिव

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… चरण वंदना मैं करूँ, नित्य शिवालय धाम।दर्शन की आशा जगी, हे शिव पूरण काम॥ स्वीकारो विनती हरा, तुम हो कृपा निधान।भक्ति-भाव जानूँ नहीं,हूँ अनपढ़ इंसान॥ महादेव शिव शम्भु पर, हमको है विश्वास।दूर करेंगे दु:ख वही, हम क्यों तोड़े आस॥ मिलते हैं शिव धाम में, अद्भुत शांति अपार।जाकर देखो … Read more

मेरी सुनो पुकार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… आना भोलेनाथ प्रभु, सुनकर करुण पुकार।इस जग के सन्ताप से, देना हमें उबार॥ विनती बारम्बार है, मेरी सुनो पुकार।दुनिया को मैं छोड़कर, आया तेरे द्वार॥ शिव शंकर के साथ में, माँ गौरा-गणराज।कार्तिकेय भ्राता सहित, नमन करूँ मैं आज॥ महादेव प्रभु आप पर, हमको है विश्वास।श्रद्धा से जो जन … Read more

करता हूँ आराधना

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… अब तक जग में मैं रहा, होकर के अंजान।पाई भोले की शरण, हुआ कष्ट अवसान॥ निज संरक्षण में रखो, भटक न जाऊँ राह।नित्य करूँ आराधना, नहीं छोड़ना बाँह॥ सुन मेरी अरदास को, दौड़े आना पास।एक सहारा आप ही, है भोले विश्वास॥ भाव-भक्ति जानूँ नहीं, विनती हो स्वीकार।करता हूँ … Read more

पाक सुनो हूंकार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************* पाक सुनो हूंकार को, जागा युवा महान।विश्व पटल चहुँ मुख घिरे, होगा तुझ अवसान॥ बहुत मचायी दहशत, खेले खूनी खेल।समझ इसे चेतावनी, करो शान्ति से मेल॥ खून-खराबा नफ़रतें, फैलाये तुम पाक।युवाशक्ति भारत जगा, अब तुम होगे ख़ाक॥ कब तक चीनी आश मन, रखते पाकिस्तान।सुनो सैन्य हुंकार को, उद्यत रिपु … Read more

प्रकृति बहुत नेहिल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सुंदर हैं नदियाँ सभी, भाता पर्वतराज।वन-उपवन मोहित करें, दिल खुश होता आज॥ कितनी प्यारी लग रही, देखो तो यह झील।अमिय लगे यह नीर तो, पसरी मीलों मील॥ सैलानी आनंद लें, करें भ्रमण सानंद।क़ुदरत के सब कुछ दिया, कर रमण पसंद॥ खग चहकें,दौड़ें हिरण, कूके कोयल,मोर।प्रकृति-शिल्प मन-मोहता, किंचित भी ना शोर॥ प्रकृति … Read more

करके श्रम हारे नहीं

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* करते श्रम दिन-रात वो, करें नहीं आराम। निर्मित करते हैं सदा, घर-मंदिर से धाम॥  पर्वत-पत्थर काट कर, देते हैं नव रूप।  औरों को सुख दे रहे, खाते दिनभर धूप॥ कदम कभी रुकते नहीं, करें नहीं आराम। कंकड़ पत्थर जोड़ते, करते जाते काम॥  दुर्गम पर्वत तोड़ते, लोहे जैसे हाथ।  नई दिशाएं दे रहे, … Read more

उफ़…ये गर्मी!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* उफ़…ये गर्मी त्रासदी, जेठ दुपहरी ताप।फिर भी पत्थर तोड़ते, मज़बूरी अभिशाप॥ शीतल मंद समीर नित, कहीं धूप कहँ छाँव।उमर-घुमड़ बरसे घटा, पुन: तपिश उद्भाव॥ आगम सावन घन गगन, आशा राहत छाँव।ग्रीष्मातप आहत बदन, जले धूप तनु घाव॥ उफ़…ये गर्मी विकलता, जीव जन्तु आकूल।सूख रहा गल जल बिना, धूप बनी … Read more

अच्छे की दरकार

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* जनता को तो है फक़़त, अच्छे की दरकार।चाहे जिसकी भी बने, इस बारी सरकार॥ कण-कण जब है जोड़़ता, तब बनता धनवान।क्षण-क्षण को श्रम से सजा, होता है गुणवान॥ बच्चों को देने अगर, अच्छे से उपहार।उनको देना हर घड़ी, अच्छे फिर संस्कार॥ दौरे हाज़िर में हुआ, जीना यूँ दुश्वार।रोज़ कर … Read more