तृप्त करो शिव नाथ
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली… स्वर्ग हिमालय की धरा, जहाँ शम्भु का धाम।पावन इस कैलाश को, नमन करूँ अविराम॥ हे गंगाधर प्राण पति, जोड़ूँ दोनों हाथ।गंगा की जलधार से, तृप्त करो शिव नाथ॥ जग जननी माँ पार्वती, कैलाशी भगवान।शरण तिहारे आ पड़ा, ये बालक नादान॥ महादेव संकट हरण, महिमा करूँ बखान।मुझमें कुछ भी … Read more