करके श्रम हारे नहीं

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* करते श्रम दिन-रात वो, करें नहीं आराम। निर्मित करते हैं सदा, घर-मंदिर से धाम॥  पर्वत-पत्थर काट कर, देते हैं नव रूप।  औरों को सुख दे रहे, खाते दिनभर धूप॥ कदम कभी रुकते नहीं, करें नहीं आराम। कंकड़ पत्थर जोड़ते, करते जाते काम॥  दुर्गम पर्वत तोड़ते, लोहे जैसे हाथ।  नई दिशाएं दे रहे, … Read more

उफ़…ये गर्मी!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* उफ़…ये गर्मी त्रासदी, जेठ दुपहरी ताप।फिर भी पत्थर तोड़ते, मज़बूरी अभिशाप॥ शीतल मंद समीर नित, कहीं धूप कहँ छाँव।उमर-घुमड़ बरसे घटा, पुन: तपिश उद्भाव॥ आगम सावन घन गगन, आशा राहत छाँव।ग्रीष्मातप आहत बदन, जले धूप तनु घाव॥ उफ़…ये गर्मी विकलता, जीव जन्तु आकूल।सूख रहा गल जल बिना, धूप बनी … Read more

अच्छे की दरकार

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* जनता को तो है फक़़त, अच्छे की दरकार।चाहे जिसकी भी बने, इस बारी सरकार॥ कण-कण जब है जोड़़ता, तब बनता धनवान।क्षण-क्षण को श्रम से सजा, होता है गुणवान॥ बच्चों को देने अगर, अच्छे से उपहार।उनको देना हर घड़ी, अच्छे फिर संस्कार॥ दौरे हाज़िर में हुआ, जीना यूँ दुश्वार।रोज़ कर … Read more

मन की कामना

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** भोले के दरबार में, जाते भक्त हजार।झोली भरकर लौटते, पा करके उपकार॥ दर्शन की चाहत मुझे, गौरा माता साथ।मेरे मन की कामना, सुन लो भोलेनाथ॥ तुम जैसा दानी नहीं, मेरे शिव भगवान।कृपा रहे मुझ भक्त पर, मैं बालक नादान॥ विषधर-गंगाधर तुम्हीं, महादेव सरकार।सकल अमंगल दूर हो, विनय करो स्वीकार॥ शिव … Read more

धरती करे पुकार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जीवन भर गाते सभी, धरा मातु के गीत।हरियाली को रोपकर, बन जाएँ सद् मीत॥ हरी-भरी धरती रहे, धरती करे पुकार।तभी हवा की जीत है, कभी न होगी हार॥ हरियाली से सब सुखद, हो जीवन अभिराम।पेड़ों से साँसें मिलें, धरा बने अभिराम॥ धरा सदा ही पालती, संतति हमको जान।रखो धरा के हित … Read more

सदा रहो मुदित

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सदा रहो दम्पति मुदित, कीर्ति सुखद आनंद।सद्विवेक पुरुषार्थ सुख, खिले सुयश मकरंद॥ नव वसन्त मधु माधवी, रचना विधि अनमोल।बनो प्रिया सहधर्मिणी, प्रिय विवेक चित घोल॥ मेधा विद्या यामिनी, स्वाभिमान सम्मान।परकीया तनया पिता, बनो कीर्ति वरदान॥ बसी कीर्ति चितचंचरी, ममतांचल निशिकांत।तुम जीवन संजीवनी, मिटे तात मन क्लान्त॥ रहो सुहागन सुन्दरी, … Read more

मन को कभी ना हारना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हो निराश रुकना नहीं, सुन ऐ मेरे मीत।संघर्षों से तू निभा, हर मुश्किल में प्रीत॥ मन को कर तू आसमय, लेगा मुश्किल जीत।काँटों पर गाना सदा, तू फूलों के गीत॥ हर मुश्किल में जब जले, आशाओं के दीप।तब ही मिल पाती सतत्, चलकर विजय समीप॥ मन को कभी न हारना, हरदम … Read more

डमरूवाला

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** मन मेरा गाता रहे, सदा-सदा शिव नाम।भोले पुण्य प्रताप से, सफल बने हर काम॥ शिव शंकर की वंदना, करो भक्त दिन-रात।मन की इच्छा पूर्ण कर, देते हैं सौगात॥ डमरू लेकर हाथ में, चले शम्भु कैलाश।नंदी गण सब नाचते, होकर हर्षोल्लास॥ मेरे शिव कैलाशपति, है भोले भगवान।भरते सबकी झोलियाँ, जो माँगो … Read more

उम्र की चाह

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* बचपन में सजकर रहे, जवां उम्र की चाह।उम्र जवानी की रचे, जीवन भर की आह॥ सजे बुढ़ापा फिर वही, बचपन चाहें लोग।पलट नहीं करता समय, बनें नहीं संयोग॥ जीवन के संघर्ष को, समझदार ले जीत।जप-तप करके जिन्दगी, सुख से जाती बीत॥ देन करें प्रभु जी सदा, हो मानव का नाम।ईश्वर … Read more

है चुनरी सम्मान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी के श्रंगार में, चुनरी है अति ख़ूब।लज्जा है,सम्मान है, आकर्षण की दूब॥ चुनरी में तो है सदा, शील और निज आन।चुनरी में तो हैं बसे, अनजाने अरमान॥ चुनरी को मानो सदा, मर्यादा का रूप।जिससे मिलती सभ्यता, नित ही नेहिल धूप॥ चुनरी तो वरदान है, चुनरी है अभिमान।चुनरी में तो शान … Read more