प्रेमातुर
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* प्रेम मधुर अहसास है,प्रेम प्रखर विश्वास।प्रेम मधुर इक भावना,प्रेम लबों पर हास॥ प्रेम हृदय की चेतना,प्रेम लगे आलोक।प्रेम रचे नित हर्ष को,बना प्रेम से लोक॥ प्रेम राधिका-कृष्ण है,राँझा है,अरु हीर।प्रेम मिलन है,प्रीति है,प्रेम हरे सब पीर॥ प्रेम गीत,लय,ताल है,प्रेम सदा अनुराग।प्रेम नहीं हो एक का,प्रेम सदा सहभाग॥ खिली धूप है … Read more