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राम नाम यशगान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला(मध्यप्रदेश)

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श्रीराम नवमी-१० अप्रैल विशेष…

राम नाम है बंदगी,राम नाम यशगान।
राम नाम सुख-चैन है,राम नाम उत्थान॥

राम नाम में ताप है,राम नाम में साँच।
राम नाम हो संग तो,नहिं आती है आँच॥

राम नाम सुख से भरा,राम नाम रसधार।
राम नाम के तेज से,महके नित संसार॥

राम मोक्ष हैं,दिव्य हैं,जग के पालनहार।
राम शरण में जो गया,पाता वह उपहार॥

राम नाम तो सूर्य है,राम नाम अभिराम।
राम नाम आवेग है,है नित तीरथधाम॥

राम नाम तो श्रेष्ठ है,राम नाम आदर्श।
तरे मनुज भव से सदा,मिले राम का दर्श॥

राम नाम शुचिता लिए,राम नाम में सार।
राम नाम वरदान है,राम नाम उपहार॥

राम नाम उजियार है,हर ले जो अँधियार ।
राम नाम यशगान है,राम नाम जयकार॥

राम नाम मधुरिम-सुखद,राम नाम उद्घोष।
राम नाम है बंदगी,राम नाम है जोश॥

राम नाम आशीष है,राम नाम विश्वास।
राम नाम तो आस है,है नेहिल अहसास॥

राम नाम तो ज़िन्दगी,है जीने का भाव।
राम नाम में ताज़गी,गरिमा लिए प्रभाव॥

राम नाम तो सत्य है,जो देता मुस्कान।
करके हर जीवन सुखी,रचता जो नित मान॥

परिचय–प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैL आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर को ग्राम प्राणपुर(चन्देरी,ज़िला-अशोक नगर, मप्र)में हुआ हैL एम.ए.(इतिहास,प्रावीण्यताधारी), एल-एल.बी सहित पी-एच.डी.(इतिहास)तक शिक्षित डॉ. खरे शासकीय सेवा (प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष)में हैंL करीब चार दशकों में देश के पांच सौ से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई हैंL गद्य-पद्य में कुल १७ कृतियां आपके खाते में हैंL साहित्यिक गतिविधि देखें तो आपकी रचनाओं का रेडियो(३८ बार), भोपाल दूरदर्शन (६ बार)सहित कई टी.वी. चैनल से प्रसारण हुआ है। ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं(विशेषांकों)का सम्पादन कर चुके डॉ. खरे सुपरिचित मंचीय हास्य-व्यंग्य  कवि तथा संयोजक,संचालक के साथ ही शोध निदेशक,विषय विशेषज्ञ और कई महाविद्यालयों में अध्ययन मंडल के सदस्य रहे हैं। आप एम.ए. की पुस्तकों के लेखक के साथ ही १२५ से अधिक कृतियों में प्राक्कथन -भूमिका का लेखन तथा २५० से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन कर चुके हैंL  राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में १५० से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति एवं सम्मेलनों-समारोहों में ३०० से ज्यादा व्याख्यान आदि भी आपके नाम है। सम्मान-अलंकरण-प्रशस्ति पत्र के निमित्त लगभग सभी राज्यों में ६०० से अधिक सारस्वत सम्मान-अवार्ड-अभिनंदन आपकी उपलब्धि है,जिसमें प्रमुख म.प्र. साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार(निबंध-५१० ००)है।

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