मेरा तन वतन के नाम
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** ये तन-मन-धन जो है मेरावतन के नाम करते हैं,वतन ये है वतन मेरा-नमन सौ बार करते हैं। धरा ये पुण्य माटी सेतिलक हर बार करते हैं,दशहरा, ईद…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** ये तन-मन-धन जो है मेरावतन के नाम करते हैं,वतन ये है वतन मेरा-नमन सौ बार करते हैं। धरा ये पुण्य माटी सेतिलक हर बार करते हैं,दशहरा, ईद…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ टूटना नहीं है, झुकना नहीं है,देश के इन दुश्मनों को मिटाना होगाआतंक के इन नकाबपोशों को,चुन-चुन कर मारना ही होगा। वक़्त अब आ गया,बहुत सह…
सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* नहीं करते कभी शिकवे,भूलेंगे सारी कसमेंसंभल जाएंगे हौले-से,मिटेंगे बेरुखी के गिले। आरज़ू तुमसे नहीं हमदम,तासीर तेरी यही हरदमपत्थर से टकरा बैठे,एक यही था हमको ग़म। शुद्ध…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** अमरनाथ की घाटी में कल जो असहाय मासूमों की चीखें निकलीं,कायरता और बुजदिली की तमाम हदें जैसे घाटी में पिघल निकलीं। जिनकी आँखों में कश्मीर के…
मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’मुम्बई (महाराष्ट्र)****************************************** 'क्या अच्छी दोस्त…? (विश्व पुस्तक दिवस विशेष)... पुस्तक है जीवन की ज्योत,पुस्तक है बच्चों की दोस्त। पुस्तक की भाँति जगना,उजियारा रौशन करना। ज्ञान का भंडार बनना,अज्ञानता…
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** कुछ तो विचार करना होगा,रस से जीवन भरना होगाजीवन को सरल करना होगा,तुझको सब कुछ करना होगाहे मन तू है अग्रगामी। जो न था तेरा…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दुर्दान्त विकट आपद जीवन, नशा की लत जहरीला हैबन मौत भयावह कालसर्प, तम्बाकू ड्रग गर्वीला है। आक्रान्त नशा जीवन दुर्भर, बेवक्त मरण शर्मीला हैहम…
डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** पहलगाम हमला... ख़बर आई है-धरती के स्वर्ग में,शबनम की जगह बारूद बरस रहा हैगुलमोहर की टहनियों पर खून टपक रहा है,पहाड़ियों की गोद में सोएअट्ठाईस…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** झिलमिल-झिलमिल अंतरिक्ष मेंचमक रहे तारक-गण रे,चाँद-चाँदनी चंचल किरणेंजागृत करती तन-मन रे। एक चित्र आँखों में मेरीचुपचाप उतर कर आता रे,जैसे नभ के वक्षस्थल परचाँद कोई शरमाता रे।…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* बूढ़ा होना, बीमार होना,और मरना एक ही बात हैजो कुछ भी हो, जीवित रहो,अगर तुम्हें जीना हैतो मृत्यु से पहले मत मरना,खुद को मत खो देनाउम्मीद…