मन शिव पुकारे

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** सावन बरस रहा मेरे द्वारे।लगन लगी मन शिव को पुकारे॥ कड़क रही है ‌बिजुरी ऐसे,तड़प रही ‌मैं बिरहन जैसे।काल की गणना साँस-साँस में,अब तो पधारो द्वार हमारे।लगन लगी मन…॥ जब से खेल माया पहचाना,मन से कोई‌ न अपना माना।चित्त-प्राण शिव कह के व्याकुल,छिन-दिन पल-पल सांझ-सकारे।लगन लगी मन…॥ सावन बरसे … Read more

मेरा मित्र बड़ा विचित्र

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* मेरा एक मित्र है, बड़ा ही विचित्र है,प्यारा जिसका चित्र है। सुख में, दु:ख में,हरदम साथ निभाता हैकोई भी हो परेशानी,दौड़ा चला आता हैहर बात बताता है,नई राह दिखाता हैआगे-आगे बढ़ाता है,एक पहचान दिलाता हैमेरे जीवन को महकाता है,मानों कोई इत्र है। मेरा एक मित्र है, बड़ा ही विचित्र है,प्यारा जिसका चित्र … Read more

अवनि तर भए

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** रिमझिम-रिमझिम, टपक-टपक कर,गिर-गिर जलकण, अवनि तर भए। शिखर-शिखर ढक, दुबक-दुबक कर,उज्वल-उज्वल, मलिन कुछ दिखे। नियमित-नियमित, ढरक-ढरक कण,जलद-जलद भिड़, तड़ित भय लसे। अतिथि उदित रवि, दुर्लभ-दुर्लभ दर्श,तनिक-तनिक लुप्त, कश्मकश भए। गड़बड़-गड़बड़ नभ, उदर विकृत नभ,पल-पल हसरत, प्रतिगमन करे। रश्मि-रश्मि दिनकर, लुक-छिप लुक-छिप,महफ़िल सजकर, स्वर्णिम छवि सजे। जलमय-जलमय, अधिकतम डगर,स्खलित-स्खलित पथ, अति … Read more

तेरा कन्धा ही मेरा सहारा

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* मित्रता-ज़िंदगी…. तेरा-मेरा सम्बंध ख़ून का नहीं,फिर भी तू मुझे प्यारा लगेतेरे साथ दुनियाभर की बातें करूँ,फिर भी मेरा मन न भरे। तेरे साथ छोटी-सी बात पर ठहाके मारूँ,फिर भी मुझे और हँसते रहने का मन करेजब भी मेरा मन रोने को चाहे,तेरा कंधा ही मेरा क़रीबी सहारा लगे। जब भी मेरा … Read more

हृदय के उद्गार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** भावना मन की समेटेहृदय के उद्गार लिखती,साध मन की सब बटोरेआज मैं श्रृंगार लिखती।आज मैं… काँच से टूटे पड़े येस्वप्न सारे बिन तुम्हारे,तृषित जीवन में घिरे घनविरह की बरसात लिखती।आज मैं… पुष्पप्रिय मन व्यथित तनरजनी दिवस परिणय मिलन,नव अरुण-सा साथ अपनाक्षणिक था सब स्वप्न लिखती।आज मैं… नूपुरों का मूक छूनाबिन तुम्हारे विश्व … Read more

गम सुनाया मत करो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:२१२२ २१२२ २१२२ ‌२१२… दर्द-ओ-गम अपने जमाने को सुनाया मत करो।सुख मिले जो ज़िन्दगी को वो छुपाया मत करो। बाॅंट लो दु:ख-दर्द सबके सुख भरी दुनिया रहे,अहमियत देकर सभी गम को बढ़ाया मत करो। दौर बदलें वक्त से हर साॅंस-धड़कन की तरह,वक्त चलता है बुरा ये, तो बताया मत करो। … Read more

रिश्ता दोस्ती का

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* मित्रता-ज़िंदगी… सबसे निश्छल सबसे न्यारा,दोस्ती का रिश्ता प्यारा। रिमझिम फुहार-सा,बागों में बयार-सा। तपती धूप में छाँव-सा,ठंड में गुनगुनी धूप-सा। जीवन के मधुर गीत-सा,साज में संगीत-सा। सुबह की नई आस-सा,नींद में मीठे ख़्वाब-सा। अंधेरी रात में जलते दीप-सा,बारिश की पहली फुहार-सा। भाव भरी कविताओं-सा,दिल के सुकून-सा॥

अंधकार मन से मिट जाए

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भज भोले शंकर शुभ मंगल, अंधकार मन से मिट जाएहो अनुपम दुर्लभ दर्शन शिव पार्वती जीवन तर जाए। बिल्वपत्र गंगाजल अर्पण गंगाधर पद तिलक लगाए,बाघम्बर त्रिपुरारी शम्भू आशुतोष शिव रूप दिखाए। सावन मास सुखद पावन शिव, कैलाशी हर्षित मन भाएमहाकाल विकराल त्रिलोचन भाल काल भैरव बन जाए। लोकनाथ गौरीशंकर … Read more

सृजन फिर से कर सकूं…

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ सृजन फिर से कर सकूं,दो ऐसी शक्ति, हे देव। शून्य पड़े थे,जो भाव हृदय में,बिखरा दो पूरे, तन और मन मेंवैराग्य-सा तप रहा है जीवन,प्रेम-रस से सिंचित कर दोजैसे शिव में लीन, हो गई शिवा,ऐसा गौरवान्वित क्षण देदो। सृजन फिर से कर सकूं,दो ऐसी शक्ति, हे देव…॥ कण-कण को शब्दों … Read more

मेरे महाकाल

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** जिनकी याद में मन रमे दिन-रात वे मेरे महाकाल,मेरी चर्चा में, मेरी परिचर्चा में रहे वे मेरे महाकाल। डमरू की डिम-डिम में, क्षिप्रा की कल-कल में,कड़वे सत्य, मीठे भरम को रचते मेरे महाकाल। सृष्टि के हर कण, हर कली, हर कुसुम में बसते,संकट का सहारा, दर्द की दवा है … Read more