पहली वर्षा

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** है अषाढ़ की पहली वर्षा,रंग कुछ बदला हुआखुल के बरसी हैं घटाएं,मन मगन पुलकित हुआ। गरज कर बादल जो बरसे,मच गया एक शोर-साघर से बच्चे निकल बाहर,नृत्य करते मोर-सा। पहली बारिश का है अपना,कुछ मज़ा एक अलग साख़ुशबू मिट्टी की जो आती,सुखद अनुभव शरद-सा। पहली बारिश में ही सड़कें,भर गईं तालाब जैसी।आगे … Read more

ज़िंदगी खूबसूरत है…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* तुम सच ढूंढते हो…जीवन भर झूठ के घड़े भरकर। तुम शांति खोजते हो…अपने बगल में हथियार धरकर। तुम प्यार ढूंढते हो…मन में द्वेष और घृणा रखकर। तुम ज्ञान ढूंढते हो…किताबों को ताक पर रखकर। तुम अपनापन खोजते हो…स्वार्थी दानव बनकर। तुम रूप रंग ढूंढते हो…इस काया पर मुखौटा ओढ़कर। तुम इंसानियत … Read more

अंधेरे से उजाले तक

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** कभी मन के अंधेरे से,उजाले तक सफर किया है ?क्या कभी आपने अपने,विचारों को जीया है ?जरा उतरिए मन की,गहराइयों के धुंधलकों मेंदेखिए ईश्वर ने क्या,किस्मत बख्शी है…खो जाइए अंधेरों की,गर्त में इस तरहकि टिमटिमाने लगें ‘विचार’सितारों की तरह…फिर देखिए एक ‘विचार’,क्या कर सकता है-अंधेरों को उजालों मेंबदल सकता है,‘विचार’ की … Read more

बरसात ही तो है…

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* बरसात ही तो है जो भिगो देती है,तन मन और धन भीगर्मी की तपिश से झुलसे हुए तन,एक हल्की बौछार की चाह मेंतड़पते रहते हैं इंतज़ार करते हैं,बरसात का, बरसात ही तो हैशीतल कर देती है तन को…। अशांत मन ढूँढता रहता है,शांति की तलाश में भटकता हैशहर से गाँव, गाँव … Read more

ज़िन्दगी संघर्षों की कहानी

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ जीवन और मृत्यु के बीच,फंसा हुआ है संसारकरता बहुत कुछ अपने लिए,पर सब है बेकारक्योंकि ज़िन्दगी संघर्षों की कहानी है। तपती धूप में पसीना बहा कर,मेहनत की भट्टी में लोहा गर्म करवह ज़िन्दगी में कुछ करने के लिए, आगे बढ़ रहा हैक्योंकि ज़िन्दगी संघर्षों की कहानी है। कोई भी मनुष्य … Read more

अपनी भाषा

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** भूल गए अपनी सब बोली,अंग्रेज़ी की पुस्तक खोलीबीज बो रहे हैं हम जैसा,वृक्ष बनेगा बिल्कुल वैसा। हिंदी का क्या काम यहाँ है,नहीं किसी को ज्ञान यहाँ हैदुनिया भर की सीखें भाषा,पर हिंदी में हुई निराशा। खान-पान पहनावा देखो,रंग विदेशी, दारू देखोसंस्कार सिखलाना होगा,हम सबको बतलाना होगा। देश हमारा अपनी भाषा,व्यंजन की अपनी … Read more

शाश्वत सत्य है ‘मृत्यु’…

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ अहमदाबाद विमान हादसा… मृत्यु क्या है ?सत्य है,शाश्वत हैस्वागतम्,मुक्ति है जीवन सेनर्क एवं स्वर्ग से,पीड़ा एवं दर्द सेपूर्ण शांति है…जीवन कलरव से-निर्द्वंद, निर्विकल्प है,निष्ठुर, निरंकुश है-निश्चित है…अभिनंदन-नियत पथ की अनुगामिनी,काली रात का है अंधकारया सुहानी भोर का उजास,शाप है या वरदानदिल दहलाती है, रुलाती है। निःश्रेयस है,निश्छल, निष्कपट हैनिराकार, निर्विकार है,सम है, … Read more

पिता मेरा संसार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पिता थे मेरे सद्गुरु, जीवन का आधार।खटक रही अविरत कमी, पिता आप संसार॥ देता जीवन की किरण, पिता रुप भगवान।ज्ञान पुंज जीवन तनय, पिता पुस्तक समान॥ अविरत चलता कर्मपथ, पालनार्थ सन्तान।संवाहक परिवार का, सहता बहु अपमान॥ सहे मौन संघर्ष को, बाधा विघ्न अनेक।करता जीवन समर्पण, सन्तति पद अभिषेक॥ धीर-वीर … Read more

यात्रा श्रीखण्ड महादेव

भागचंद ठाकुरकुल्लू (हिमाचल प्रदेश)******************************************** ग्रेट हिमालय श्रृंखला के साथ बस है बाबा का द्वारा,सबसे न्यारा, सबसे प्यारा, भोला बाबा हमारा. नीचे थचाडू है ऊपर है भीम डुवार,हे बंदे! बाबा जी अवश्य सुनेंगे तेरी पुकार। जून-जुलाई में लगता है यहाँ भंडारा,बाबा के दर्शन के लिए चला आता है जग सारा। पार्वती बाग में फूल हैं प्यारे-प्यारे,भीम … Read more

हरि बोल रसना रस घोल

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** हरि बोल हरि बोल हरि बोल रसना,रस घोल रस घोल रस घोल रसना। मोल क्या है सोने का, मोल क्या है चाँदी का,प्रभु भक्ति का ही बस मोल रसना। ऐसे वचन जो दुःखी का दिल दुखाएं,मत बोल मत बोल मत बोल रसना। अंतर पहचान अपने प्रभु परमात्मा,तू खुद में … Read more