यात्रा श्रीखण्ड महादेव

भागचंद ठाकुरकुल्लू (हिमाचल प्रदेश)******************************************** ग्रेट हिमालय श्रृंखला के साथ बस है बाबा का द्वारा,सबसे न्यारा, सबसे प्यारा, भोला बाबा हमारा. नीचे थचाडू है ऊपर है भीम डुवार,हे बंदे! बाबा जी अवश्य सुनेंगे तेरी पुकार। जून-जुलाई में लगता है यहाँ भंडारा,बाबा के दर्शन के लिए चला आता है जग सारा। पार्वती बाग में फूल हैं प्यारे-प्यारे,भीम … Read more

हरि बोल रसना रस घोल

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** हरि बोल हरि बोल हरि बोल रसना,रस घोल रस घोल रस घोल रसना। मोल क्या है सोने का, मोल क्या है चाँदी का,प्रभु भक्ति का ही बस मोल रसना। ऐसे वचन जो दुःखी का दिल दुखाएं,मत बोल मत बोल मत बोल रसना। अंतर पहचान अपने प्रभु परमात्मा,तू खुद में … Read more

वजह बहुत थी खास

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हुआ महाभारत तभी, वजह बहुत थी खास।द्रुपदसुता ने था किया, दुर्योधन का हास॥ कभी न करना और का, तुम किंचित उपहास।वजह बनेगी हो कलह, टूटेगा विश्वास॥ दुर्योधन का अति कपट, झगड़ा लाया ख़ूब।वजह यही थी युद्ध की, सूखी नेहिल दूब॥ पाप वजह बनता सदा, रच देता संताप।अन्यायी आवेग को, कौन सकेगा … Read more

पिता-परछाई

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** विश्व पिता दिवस (१५ जून) विशेष… आँखों में नमी-सी, पर चेहरे पे तेज़ है,वो मुस्कुराते कम हैं, पर सारा संदेश हैहाथों में छाले, मगर दिल में प्यार है,पिता ही तो जीवन का असली आधार है। चलते चुपचाप, कभी कोई गिला नहीं है,जो सह लिया उन्होंने, वो कभी कहा नहीं हैछाँव की … Read more

पिता:अभयदान और बचपन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* विश्व पिता दिवस (१५ जून) विशेष… अभयदान आशीष स्नेह सुख, मातु पिता बरगद छाया है,लिया जन्म बीता सुख बचपन, पिता साथ निर्भय काया हैअनुपम संरक्षण आभासित उन्मुक्त उड़ानें हैं मन भरता,मातु-पिता ममतांचल शीतल अपनापन सुख दिखलाता है। माँ रखती हर खयाल सन्तति, पिता छत्र छाया देता है,देखभाल तन-मन सुत … Read more

पिता हिमगिरि

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* पिता दिवस (१५ जून) विशेष)… हिमगिरि जैसे भव्य हैं, रहते सीना तान।वेदों ने भी तो कहा, हरदम पिता महान॥ पिता उच्च आकाश से, संतानों के ईश।जब तक जीवित हैं पिता, कभी न झुकता शीश॥ सुख-दुख में अविचल रहें, आँसू का है त्याग।जेब भरी खाली रहे, पर हाँ से अनुराग॥ पिता रूप … Read more

क्षणभंगुर जीवन

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* अहमदाबाद विमान हादसा… हवाई जहाज़ रन-वे पर सरक रहा था…खिड़की के बाहर धीरे-धीरे,सब पीछे छोड़े जा रहा थाशहर भी धीरे-धीरे छोटा होता जा रहा थाअंदर बैठे लोग कुछ पहली बार उड़ रहे थे,कुछ हर रोज़ उड़ रहे थे…सभी को एक अहसास था“पहुंचकर फोन करूँगा”,“मेरा इंतजार मत करना!”किसी ने माँ को, किसी … Read more

गुब्बारे वाला

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* नन्हा बालक फुटपाथ पर,बेच रहा है गुब्बारेले लो भाई गुब्बारे,रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे। नहीं जानता वह,क्या होता है बाल श्रम ?वह जाने बस भूख को,जिसे मिटाने बेचता गुब्बारे।रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे… सड़क पर भाग-भाग कर,कार के शीशों से झाँककरहाथ जोड़ मिन्नत करता,मुझसे लेलो गुब्बारे।रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे… अभावों की आग में,बचपन अपना खाक कर।कानून (बाल श्रम निषेध) की … Read more

पैग़ाम-ऐ- मोहब्बत

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** मेरा पैग़ाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे,आरज़ू है कि वो सबके मकां तक पहुंचे। एक खुशबू की तरह फैले अमन की बातें,बात ऐसी हो दुआ बनके यहाँ तक पहुंचे। जहां नफ़रत का अंधेरा हो उसे दूर करे,रौशनी ऐसी दिखाएं जो वहाँ तक पहुंचे। दूर दुनिया में जहां जुल्म और दहशत … Read more

मजबूरी-बाल मजदूरी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** बचपन होता सबका प्यारानहीं भूलता जीवन सारा,पर कुछ बच्चों की मजबूरी-स्कूल छोड़ करते मजदूरी। किसी के पालनहार नहीं हैंकिसी के घर बीमार कोई है,कोई ग़रीबी से है जूझता-किसी का घर दारू से भरता। होटल, बाग, बगीचे देखोजूता पॉलिश, रेल में देखो,कोई बेचता गुड़िया-मोटर-प्रातः कोई फेंकता पेपर। सरकार योजना कई चलातीपर वह सब … Read more