फुरसत के पल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कहीं किसी दिन फुरसत के पल,हम प्रेमी युगल इरशाद करेंरस पान नशीली ऑंख चपल,हम साथ बैठें, संवाद करें। अनुभूति प्रीत आह्लादित मन,हमदम गुलशन गलहार करेंइज़हार मुहब्बत हमदिल बन,दिल चमन कशिश गुलज़ार करें। बाॅंटें खुशियाँ मुस्कान अधर,आलिंगन तन-मन खास करेंप्यार घटा गहनतम बारिश में,भीगे साजन हम बिंदास करें। चंचल पलकें … Read more

कसक हृदय की

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मधुर कसक है आज हृदय मेंसुधि बन छाया कौन,झुकती जाती बोझिल पलकेंमन में द्वारे आया कौन ? लिखने बैठी पीर हृदय कीमन में मेरे समाया कौन,देर रात तक बातें करतीचैन जिया का छीने कौन ? बार-बार बस यही सोचतीनयनन कोर भिगोता कौन,भूली-बिसरी सारी यादेंमुझको याद दिलाता कौन ? सुलग रहा तन-मन सखी … Read more

वह तेजस्वी महाराणा प्रताप

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* नस-नस में जिनके देशभक्ति कासागर-सा रक्त उफनता था,भींची हुई मुट्ठियों में जिनकेआक्रोश मुगलों पर उतरता था।वह तेजस्वी चित्तौड़ के राजा,वीर राणा प्रताप कहलाते थे। धन्य हुई धरा जिनके जन्म परफर्ज माटी का निभाया था,मुगलों की विराट सेना से,राणा ने पेंच लड़ाया था।मुट्ठीभर सैनिकों के सहारे,हल्दीघाटी में युद्ध कराया था। हाहाकार मचा, … Read more

बरस रहे अंगार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आसमान से आज तो, बरस रहे अंगार।पैर जल रहे, सिर तपे, सूरज की है मार॥ सूरज तो अब हो गया, सचमुच में खूँखार।आज आदमी त्रस्त है, बरस रहे अंगार॥ सड़कों पर चाबुक चलें, ताप बना हथियार।नहीं किसी का ज़ोर है, बरस रहे अंगार॥ अच्छा-खासा आदमी, आज हुआ बेकार।बचना मुश्किल हो गया, … Read more

मैंने निभाया…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** मैंने चुपचाप हर सुबह को सवेरा किया,तेरे लिए हर अंधेरे को उजाला कियातेरी थकान में खुद को भुला बैठी,तेरे ख्वाबों को अपना बना बैठी। मैंने वो ख़ामोशी भी समझी, जो तूने कभी कही नहीं,तेरे हर सूनेपन में वो धड़कन सुनी, जो किसी ने तौली नहींतेरे बिना माँगे ही सब-कुछ दे डाला,पर … Read more

वक़्त के साथ

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************************* है वक़्त नहीं कि कुछ कहा जाए,तो वक़्त यही कि सब कुछ सहा जाएहै वक़्त वही कि सब मिटा दिया जाए,वो वक़्त नहीं जिसे बदल दिया जाए। है वक़्त के लिए कभी हारना भी जरूरी,है अपने-आपको कभी मिटाना भी जरूरीहै दु:ख-कष्ट को कभी अपनाना भी जरूरी,है उस वक्त को कभी … Read more

उष्ण समीर

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* चलता उष्ण समीर, नौतपा खूब तपाता।सूर्य दिखाता ताव, बदन को आग लगाता॥बारिश ही अब आस, धरा की प्यास बुझाए।खाली ताल-तडाग, सभी फिर से भर जाए॥ ढूंढें राही छाँव, जान जिससे बच जाए।मिले तनिक आराम, शीघ्र मंजिल को पाए॥लू से युक्त समीर, उष्णता सही न जाती।तन से निकले स्वेद, ग्रीष्म ऋतु … Read more

खुली खिड़की

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** जब खिड़की खोलकर देखती हूँ,बाहर का नजाराचिड़ियों की चहक,दोस्तों का दिखनाठंडी हवा,फूलों की खुशबूकर देती मन को ताजा,सूरज की किरणेंघर में उजास भर देती,जब सुबह खिड़की खोलती। अब मेरी आदत खिड़की खोलने की,चिड़ियों ने चहचहाहट कर रोज़ डाल दीअब महसूस हुआ,प्रकृति कितनी सुंदर है।ऐसा लगता-तितलियाँ, भौंरे और पंछीमानो मेरा अभिवादन कर रहे हों॥ … Read more

सदाचार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सदाचार के पथ पर चलना, कभी न फिर तुम आँखें मलना।जीवन में अच्छाई वरना, हर दुर्गुण को नित ही हरना॥ कभी काम खोटा नहिं करना, नेह-नीर होकर तुम झरना।हरदम ही बनना उजियारा, करना दूर सकल अँधियारा॥ नैतिकता के होकर रहना, मानवता का पथ ही वरना।सबकी सेवा में जुट जाना, जीवन अपना … Read more

हिसाब-किताब कर लो

जी.एल. जैनजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* स्वयं का स्वयं से अनुबंध कर लो,विखरे हुए संबंध को अटूट कर लोअथाह कचरा है आत्मा के कोने में,आत्मा को स्वच्छ व निर्मल कर लो। भटके हो पर अब विश्वास कर लो,साँसों का हिसाब-किताब कर लोमोल नहीं होता अच्छे कर्मों का,अच्छे-बुरे कर्मों का तोल कर लो। रास्ते में मिले हो तो रास्ता … Read more