हेरा-फेरी में क्या रखा

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जीते रहिए सुकून की जिंदगी,तेरी-मेरी में क्या रखा है ?अपनी मेहनत की कमाई खाओ,हेरा-फेरी में क्या रखा है। हेरा-फेरी करते-करते,सारी ज़िंदगी गुज़र जाएगीमगर तेरी नेक कमाई,कहीं नजर…

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नारी त्याग महान

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** निश्छल मन करुणा हृदय, नारी त्याग महान,सभी युगों, कालों में उसकी शक्ति का गान।बदल रहा है रूप जो उसको है मन भाया-स्वप्न जो देखा उसने उसका करो…

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‘बाल श्रम’ एक अभिशाप

सुनीता रावत अजमेर(राजस्थान) ******************************************* बाल श्रम एक है अभिशाप,सभ्य समाज के लिए एक है चुनौतीबाल श्रम में १८ वर्ष से पूर्व,बच्चों द्वारा किया गया श्रमएक है दंडनीय अपराध,भारतीय संविधान में बाल…

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शुभ विजय दिवस

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पुलवामा के वीर शहीदों, बलिदान अमर यश गाता है,बालासोर संहार दहशती, अभिनन्दन शौर्य सुहाता है। एक-एक दहशतगर्दी को, सीमा सैनिक मौत सुलाता है,जय जयकारा…

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कहो, भला कैसे जिएँ ?

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** कहो भला कैसे जिएँ, इस युग के सब लोग।भूमि प्रदूषित कर रहे, ग़लत करें उपभोग॥ग़लत करें उपभोग, कहो फिर कैसे होगा।जल-वायु और अन्न, हमें कब शुद्ध मिलेगा॥सब…

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समझदार नित मानते

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जब भी खोलो लब सुनो, तोल-मोल के बोल।वरना तू खामोश रह, लब किंचित मत खोल॥ तोल-मोल के बोल तू, तभी मिलेगा मान।वरना घटना तय रहा, तेरी…

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स्वामिनी थी जो संसार की

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** रचनाशिल्प-रगण २१२-८ थी पली जो कभी, राजसी ठाट से।राम के साथ वो, शौक से जा रही। जो कभी भी नहीं, वेदना को सही।पादुका के बिना, ही…

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उत्सव फागुन का

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** रश्मियों ने उतार दी रजाइयाँ, बसंत मदन जब उतरा आँगनश्रृंगार बसंत के अंक से अवतरा, अबीर गुलाल-सा अब फागनस्वर्णिम पर्णों की बारातें-बारातें, वन, उपवन और हर…

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सनातनी महा ‘मानवकुम्भ’

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** प्रयागराज का संगम महाकुम्भ,हुआ सदियों में सनातन का महा मानवकुम्भदुनिया के हर ओर से पहुँचे सनातनी निकुम्भ,हिल गई दुनिया, देश हिला देख ऐसा जनसैलाब कुम्भ।…

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फिर प्यार का मौसम आया

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* तेरे आने की खबर,दिल को कैसे न हो खबरचेहरे का हर एक रोम,खुशी से खिल उठा। आँखों से नूर बरसा,पलकों से प्यार झलकाहोंठों ने मधुर गीत,जैसे…

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