सशक्त दिव्यांग कहलाए

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** सशक्त दिव्यांग वो कहलाए,जो पढ़कर भी रोजगार ना पाए। सशक्त दिव्यांग वो कहलाए,जो स्वस्थ होकर भी बीमारीकी चपेट मे आए। सशक्त दिव्यांग वो कहलाए,बुराई ना मिटाए और भ्रष्टाचारीबन जाए। सशक्त दिव्यांग वो कहलाए,बुरी सोच को ना मिटाए औरआशीष वचन गवांए। सशक्त दिव्यांग वो कहलाए,दुराचार ना मिटाए और पापीबन जाए। सशक्त … Read more

है यह समर भूमि

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* यह समर भूमि है, भारत के जांबाज़ शौर्य दिखलाते हैं,अर्पित करते दुर्लभ जीवन, भारत माँ कर्ज चुकाते हैंहर श्वाँस चले भारत चिन्तन, अभिनंदन भारत गाते हैं-मुण्डमाल गला कर ढाल खड्ग बलिदान अमर बन जाते हैं। जयमाल वक्षस्थल शोभित रज भाल राष्ट्र सज जाते हैं,दानव चरित्र पाकी दहशत विकराल मौत … Read more

सामना कर नहीं पाए

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** बड़ी कोशिश लगाई परसामना कर नहीं पाए,हमारी वायु सेना से-मुक़ाबला कर नहीं पाए। मिसाइल छोड़ी थी तुमनेसोच डर जाएगा भारत,हवा में ही उड़ा दी सब-वो नीचे गिर नहीं पाया। फैलाते वे रहे दहशतयही एक चाल चलते,नहीं उनमें ये है शक्ति-सामना कर नहीं सकते। सम्हल जाओ कहा था परतुम शायद सुन नहीं पाए,अकड़ … Read more

शत्रु पर टूट पड़ते जवान

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** देश की खातिर मेरे सैनिकहो जाते कुर्बान,दुश्मन की छाती पर चढ़ हमला करते मेरे वीर जवानजय जवान, जय किसान, जय विज्ञान नारे में अभिमान,हर शहीद सैनिक के दिल में बसा है प्यारा हिंदुस्तान। जल, थल, वायु तीन दिशा में चौकस वीर जवान,सैनिक अपना लक्ष्य भेदते, उसमें ही उनकी शानभारत माता … Read more

पड़ोसी मत उछल

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* क्यों बे पड़ोसी! आजकल तू बहुत उछल रहा,औकात भुलाकर अपनी, हमें ही आँखें दिखा रहा। क्या भूल गया वो दिन, जब तेरा अस्तित्व न था,अहसान तुझ पर कर पड़ोस में रहने स्थान दिया। नंगा फ़क़ीर था, तब तन ढकने कपड़ा दिया,भूखा मर रहा, तब पैसा देकर अहसान किया। गरीब था तब, … Read more

भरोसा न कीजिए

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* दुश्मन धूर्त चालाक,करता कर्म नापाककरे पीठ पर वार,भरोसा न कीजिए॥ कपटी है चालबाज,करता ये नीच काजसमझे गोली की भाषा,माफी नहीं दीजिए॥ धोखा देता हर पल,इसमें नहीं है बलफैलाए आतंकवाद,इस पे न रीझिए॥ खाने को नहीं है अन्न,प्रजा है बड़ी विपन्नहाथ में कटोरा थामे,कभी न पसीजिए॥ परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय … Read more

राम चहिए

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ मोती की माला में ढूंढ रहे राम,कहाँ मिलोगे मेरे प्रभु राम ?जहां राम नहीं, वहाँ कोई काम नहीं,हमें तो हमारे राम चहिए। बिखरी हुई इस माला में कब आओगे ?कब बैर शबरी के खाओगे मेरे राम ?तुम्हारे बिना कुछ भी नहीं इस दुनिया में मेरे राम,हमें तो हमारे राम चहिए। … Read more

सीख इमली की

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* इमली बहुत शर्मीली है,थोड़ा पतझड़ होते ही ढक लेती है बदन अपनारातों-रात उगा लेती है,नाजुक-नाजुक पल्लवअपनी खुली होती देह पर। कोशिश करती रहती है कहीं,मनचली हवाएं, आकाश की फ़िजाएंचंद्रमा, सूरज या अनगिनत सितारों को,कहीं दिख न जाए अपना खुला बदनओढ़ कर पल्लव का पल्लू ढक लेती है बदन,लगता है ये इमली … Read more

हम स्वाभिमानी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** हम स्वाभिमान से रहते हैंहम स्वयं में शक्ति रखते हैं,नहीं अन्य देश में घुसते हैं-नहीं व्यर्थ तमाशा करते हैं। वसुधा के हम रखवाले हैंअन्याय न सहने वाले हैं,करे अन्य कोई अन्याय अगर-उसको समझाने वाले हैं। है देश पड़ोसी इसीलिएकई बार इन्हें बतलाया है,औक़ात में अपनी रहना तुम-यह बार-बार समझाया है। पर तुमने … Read more

माॅं सम्पूर्ण संसार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जननी जीवन संजीवनी तेरी महिमा अपरम्पार है,तुम सप्तसिन्धु करुणा धारा, तू माँ सम्पूर्ण संसार हैममता आंचल लिपटे संतति, हो वात्सल्य मुदित सुख सार,मातृत्व प्राप्ति आनंदित पल, उरज क्षीर सुधा रसधार है। मेरी मातु लाल मैं अम्मा, तूने सीने से चिपकाया है,तेरा कान्हा दिल का टुकड़ा, माँ स्वर्ग सुखमय संसार … Read more