हिय वास हिन्दी
सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** कितनी मनभावन तान हिन्दी,महके जग में, पहचान हिन्दीसुरम्य सरलीकृत भाष हिन्दी,अपने मुल्क की छवि मान हिन्दी। रखते सबसे कमतर हिन्दी,पर आत्मविश्वास, तलाश हिन्दीसभ्य संस्कृत मातु विस्तार हिन्दी,रस, छंद अलंकृत गान हिन्दी। समस्त विषयों पर राज हिन्दी,बगिया महके भर-भाव हिन्दीविपरीत-विशेषण कोष हिन्दी,विधि-भाष-विज्ञान-सिद्धांत हिन्दी। सुलझा गुण-दोष प्रज्ञानभरी,लक्षणा अविधा सह व्यंग्य भरीसुभ्र, साहित्य … Read more