उदित हुआ कोई चाँद
डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ उस दिन…तुम मुझे ऐसे लगे, जैसे-सोलह कलाओं से परिपूर्ण,उदित हुआ कोई चाँद है। आए थे…तुम जिस दिन बनकर खास,उसी रात्रि…ब्रह्माण्ड रच रहा था रास,पलकों में झूमी थी, मेरे भी मधु चाँदनी,वर्षों से तन्हा थी, आई थी मधु यामिनी,सजदे में हम ही नहीं, तुम भी झुक गए थे,शरद की चाँदनी में, … Read more