मन की आँखें

वंदना जैनमुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ छुपाए बैठी हूँ भोलेपन को आँचल में,बडी मासूमियत से दूसरों को देखती हूँ। बुरा कोई भी नजर आता नहीं,पर बाद में उनके करतब देखती हूँ। आसक्त हूँ मान्यताओं और संस्कारों से,आचरण में भी अभिव्यक्त देखती हूँ। कभी-कभी मन के अक्षांश से उतर कर,तन पर कुटिलता भरी नजर देखती हूँ। छल-कपट भरी दुनिया की … Read more

अंधविश्वास से केवल हानि

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जादू-टोना कुछ नहीं होता है, केवल यह है अंधविश्वास,अनपढ़, मूर्ख लोग ही, करते इस पर भरोसा, रखते आस। तंत्र-मंत्र है बेमानी सब, जान लो, इसमें कुछ नहीं रखा,हानि होती है केवल ही, जिसने अंधविश्वास को है गहा। गाँव-गाँव में तांत्रिक-मांत्रिक, मिलते नित जाल बिछाये,वहीं भुगतता जो झाड़-फूँक के अंधविश्वास में है … Read more

अमर सुहाग हो

urmila-kumari

उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** हर सुहागन का अपना अमर सुहाग हो,आँगन चंद्रमा और गणेश का वास होमेरे माथे सिंदूर पति के नाम सजा हो,हाथ मेंहदी भरा, लाल चूड़ियों भरा होईश्वर का आशीर्वाद सदैव मेरे साथ हो। अमर मेरा पति, सदैव सुहागन मैं रहूं,करवाचौथ का व्रत हर साल मैं करूँकरवा में अंजुली भर पोहा रेवड़ी … Read more

यह ज़िंदगी रुकने न पाए

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कुछ लम्हों की दुर्लभ दुनिया, यह ज़िंदगी रुकने न पाए,मिले वक्त कर्त्तव्य निभाने, कदम राहें रुकने न पाएकहाँ नहीं मुश्किलें ज़िंदगी पंछी तूफ़ानों से डर जाएँ,पंख खोल उन्मुक्त व्योम में, क्या उड़ान भरने न पाएँ। राहें हों पाषाण नुकीले ठोकर खा गिरने न पाए,घाटी दर्रों नदियों जंगल हर विघ्न … Read more

तुमसे है मेरा सौभाग्य

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* सिंदूर बिंदिया की चमक है तुमसे,चूड़ी की खनक तुम्हीं से हैमंगलसूत्र की दमक है तुमसे,मेहंदी की लाली तुमसे है। तुमसे जुड़ा सौभाग्य है मेरा,तुम्हीं बसे मन मंदिर मेंबिछिया-महावर की शान हो तुम,सोलह श्रृंगार तुम्हीं से है। करके मैं सोलह श्रृंगार,अमर सौभाग्य की करूं कामनाकरवा में जल मन में तरंग प्रीत की,मेरी सब … Read more

शरद पूर्णिमा ‘सौभाग्य’

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** आई शरद पूर्णिमा रात, गाएं राधे- राधे,मन चल आज वृंदावन धाम, गाएं राधे-राधेराधे-राधे सब गाएंगे, कृष्ण-कृष्ण गाएंगे,सौभाग्य लाएंगे श्याम, गाएं राधे- राधे। आई शरद पूर्णिमा आज, मोहन ब्रज बुलाए,राधा रानी संग पधारे, युगल दर्शन सुहाएगोकुल कण-कृष्ण समाए, आज श्रद्धालु झूमें-गाएं,ऐसी धुन बजाए मोहन, अन्तर्मन निहाल होए। आई शरद पूर्णिमा रात, … Read more

चाँद कोजागिरी का

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* आश्विन शुक्ल पक्ष का लखलखाता शरदिया चाँद जो है,खुला-खुला आसमां और चम-चम चमकता हर्षया चाँद जो हैलुटा रहा चन्दन धरा पर निरंतर, चाँदनी घुलाता चाँद जो है,सागर, तालाब, झील, पोखरों में, प्रतिबिम्ब निहारता चाँद जो है। सम्पूर्ण अपनी आभा, विभा सोलह कलाओं से श्रृन्गारित है,नभ से लेकर समस्त धरांगन कर आलोकित … Read more

याद में हम-तुम

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** तुमसे मैं हूँ, मुझसे सिंदूर बिंदिया तेरी,याद में हर पल ही खनकती है चूड़ी तेरी। बस मोती नहीं, मंगलसूत्र है मान तेरा-मेरा,हाथों की दिलकश मेहंदी हे सुख सवेरा। हम, तुमसे जुड़े, सौभाग्य है जीवन का,तेरी मुस्कान पर सब अर्पित, तू मन-मंदिर जीवन का। हर साँस में आस-विश्वास-अहसास है अपना,हर सुख-दु:ख में … Read more

कैसे हार मान लूँ!

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** हार और जीत,हमारी ज़िंदगी का हिस्सा हैसभी के जीवनका किस्सा है। यदि कभी मिले हार,तो मत मानो हारजो हो गई है गलती,उसे लें सुधार। जिसने हार मान ली,उसकी ज़िंदगी थम जाती हैप्रगति से वंचित,रह जाती है। चाहे कुछ भी हो जाए,दुनिया इधर से उधर हो जाएमैं क्यों घबराऊँमैं कैसे … Read more

शरद ऋतु

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उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** सफेद धुंध की चादर से ढका पड़ा है आज हिमालय,ओस की ठंडी पुरवाई ने झड़ी श्वेत है आज बिछवाई…। दिसंबर-जनवरी-फरवरी में ठिठुरन भरी ठंड आई,कंपकपाती बर्फीली हवाओं ने मौसम को शरद बनाया…। मद्धम सूरज की किरणे मौसम में गरमाहट लाई,गरमागरम पकौड़े की खुशबू तो मन को बहुत है भायी…। गरम … Read more