श्रद्धा से करें श्राद्ध

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. श्राद्ध पक्ष में पितृअपने घर आते हैं,और हमारी श्रद्धा देखकरआशीर्वाद दे जाते हैं। श्राद्ध में हम जो भी करेंउसको श्रद्धा के साथ करें,और अपनी ज़िंदगीको खुशियों से भरें। आजकल चारों ओरश्रद्धा का अभाव है,ये पाश्चात्य संस्कृतिका प्रभाव है। पितृ आशा लेकर आते … Read more

पहनी भारत की खादी

विजयलक्ष्मी विभा प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)************************************ हम मिटा दासता सदियों की, जब ले आये आजादी,भारत के वीर सपूतों ने, पहनी भारत की खादी। हम समझ गये स्वराज्य क्या है,क्या अपना और त्याज्य क्या हैक्या अमर धरोहर है अपनी,इस धरती पर विभाज्य क्या हैहम उड़ा हवा में देते थे जब समझाती थी दादी। हम काट रहे थे दिन अपने,बस … Read more

श्राद्ध की धूप श्रद्धा की बात

डॉ. रचना पांडेभिलाई(छत्तीसगढ़)*********************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. श्राद्ध की धूप, श्रद्धा की बात,पितरों की याद, दिल की बातश्रद्धा के साथ, तर्पण का जल,पितरों की आत्मा को शांति का फल। पितरों की याद, दिल में बसी,श्रद्धा के साथ, उनकी आत्मा को प्यारश्राद्ध का दिन, पितरों का सम्मान,श्रद्धा के साथ, उनकी याद में जीवन। … Read more

सृजन देव वर दीजिए

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** सृजन देव वर दीजिए, आऊँ किसी के काम,जगह-जगह संग्राम छिड़ा, कैसे लगे लगाम ?एक युद्ध अभी खत्म न होता, दूजा है छिड़ जाता,वह भी खत्म न हो पाता, तीसरी जगह छिड़ जाता। लाखों लोग युद्ध में मर गये, लाखों हो गए घायल,माँगों का सिन्दूर मिट गया, चीख रही है पायलमात-पिता की लाठी … Read more

श्राद्ध हमारी श्रद्धा

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)… अंधेरे आकाश में अब टिमटिमाते तारों-सी,कुछ कहानियाँ परिजनों के मन में छुपी-सीवह कोई कर्मकांड नहीं, दिल के हैं एहसास,कहें श्राद्ध परन्तु यही रिश्तों में श्रद्धा खास। जब बंद हो ऑंखें, यादों का गाँव बस जाता,स्वर्गवासियों का स्नेहाशीष भाव याद आताउनकी वे बातें, … Read more

चलो समय के साथ चलें

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* चलो समय के साथ चलें,चल सको तो दिन-रात चलेंसभी को लेकर साथ चलें,चलो समय के साथ चलें। समय सदा एक-सा ना रहता,परिवर्तनशील संसार है यह कहताइस परिवर्तन को अपनाए चलेंअब चलो समय के साथ चलें। परिवर्तन को जो ना अपना पाया,वह तो समय में पीछे छूटता गयापूर्व को देख वह … Read more

एक मन कहाँ-कहाँ लगाएगा

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** एक मन तू कहाँ-कहाँ लगाएगा,भटकेगा भव में या प्रभु को पाएगा। भजन, भोज, प्रेम प्रभु से कर अकेले में,तभी इनकी रक्षा कर पाएगा।प्रभु का कोई एक रूप अपना बना ले,तुलसी-सा प्रेम कर पाएगा।एक मन तू कहाँ-कहाँ…॥ संसार नेत्रों से प्रभु दिख न पाएंगे,हृदय नेत्र उन्हें देख पाएगा।नित प्रेम से … Read more

श्रध्दा का मान हो

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. वह हमारे पितृ, हमारे लिए सब कुछ हैं,उनकी आशाओं पर हम सटीक बैठेंयही अभिलाषा है हम सभी की,श्राद्ध दिन में श्रध्दा का मान हो…। उनका दुनिया से चले जाना,पर दुनिया में उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना हमारा फ़र्ज़ है हमारा धर्म है,श्राद्ध … Read more

‘भारत रत्न’ डॉ.मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** ‘अभियंता दिवस’ विशेष… भारतीय मूल के प्रथम अभियंता डॉ. विश्वेश्वरैया की झाँकी भर लें,याद उन्हें भी कर लें, उनकी भी बातों पर अपने अंदर आहें भर लें। मैसूर के विलक्षण प्रतिभाशाली मोक्षगुंडम थे अनमोल,अंग्रेजों ने ही समझ लिया ऐसे अभियंता का मोल। पढ़ाई ऊँची-शिक्षा ग्रहण करने की बने उनके उसूल,चिकबल्लापुर … Read more

अपनी बोली हिन्दी

urmila-kumari

उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** ‘हिंदी दिवस’ विशेष… हिंदू हैं हम हिन्दुस्तान की संतानें हैं,आओ बढ़ाएं कदम हम भारतीय हैंहिंदी का सम्मान सभी यहाँ करते हैंभारत की पहचान बनी भाषा हिंदी है। अलग-अलग है वेषभूषा हिंदी हमारी है,अनेकता में एकता से हिंदी तो हमारी हैजग में अपना परचम हिंदी ने फहराया,अपनी बोली हिंदी दिल में … Read more