श्री राम का पुत्र हूँ, कहूँगा जय श्री राम

आचार्य संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )****************************************************** श्री राम देव का पुत्र हूँ, कहूँगा-जय श्री राम,शिव का हूँ वरदान मैं, जागृत है अभिमानमाँ सुभद्रा (माधुरी) जन्म दियो, उदित सूर्य विहान,सिंदरी (धनबाद) मातृभूमि को कोटि-कोटि प्रणाम। कई गुरुओं की शिक्षा ने दिया दिव्य ये ज्ञान,पितृ पक्ष में नमन सभी को, करता हूँ गुणगानएक-एक गुरु दीक्षा का कैसे … Read more

‘श्राद्ध’ श्रद्धा का पर्व

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और प्रेम (पितृ पक्ष विशेष)… हिंदुओं की श्रद्धा का पर्व,आस्था और प्रेम का गर्वसमझे पूर्वजों का जो मर्म,श्राद्ध पर्व है ऐसा कर्म। जय–जय ऐसे श्राद्ध पर्व की,जो मरने पर भी रखते यादअन्न–धन देकर खुश करते जो,धन्य है ऐसे वंशज महान। श्रद्धा यदि अटूट पक्की हो,तो पत्थर में भी … Read more

रिश्ते… निरे स्वार्थी

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** उसे लगता था-रिश्ते कृत्रिम हो गए,वास्तविक‌ता नहीं रहीएक-दूसरे से संबंध रखने की,मजबूरी-सी जैसे बन गई। फिर भी उसने सोचा,क्यों ना परख लूं ?रिश्तों की बनावट आज,क्या सभी कहते हैंवो सही है ?या में कहता हूँ वो सही है ? कुछ दिन के लिए,नाटक किया उसनेबीमार होने का,ना गया बहन से मिलनेऔर ना … Read more

जो दर्द मिला, मन उबर न पाएगा

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* बादल गरजे पानी बरसा,पर इस बार था मंजर डर कानदियों में बस धाराएं नहीं थी,इनमें थी प्रलय की परछाई। नदियाँ बनी कहर की मूरत,बहा ले गईं अमन और चैनखेत बने हैं जल का दरिया,अब स्वप्न विहीन रीते-रीते हैं नैन। जिस आँगन में गूँजती थी हँसी,वहाँ अब बस पानी-पानी हैसहमा-सहमा सा आलम है,मानों … Read more

पाते पुरखे तृप्ति

आचार्य संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. सत्य सनातन धर्म संस्कृति,वैदिक ज्ञान संग वेद पद्धतिपुराण, ग्रंथ, श्रीकृष्ण की उक्ति,वाल्मीकि, तुलसी जस भक्ति। श्राद्ध कर्म हृदय स्वभाव अभिव्यक्ति,पाते पुरखे, भाव भक्ति व वंश से तृप्तिश्रद्धा समर्पित करें, पिंडदान दे मुक्ति,देवताओं का यही कथन और उक्ति। माता-पिता जीवन-चक्र देव तुल्य मूर्ति,उनके … Read more

क्षण-क्षण

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** क्षण-क्षण समय उड़ रहा है,इतिहास एक नया गढ़ रहा हैपकड़ना चाहती हूँ कुछ पलों को,समय के साथ वह मुझे बदल रहा है। काग़ज़ पर क़ैद किए हुए,ये कुछ पल ही तुम्हारे होंगेवे तो बस तुम्हारी यादों में बस जाएँगे,क्या करना समय को ऐसे पकड़ करवो तो बादल की तरह उड़ जाएँगे। बादल … Read more

देवशिल्पी विश्वकर्मा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* पहले पौरोणिक वास्तुकार और शिल्पकार देव विश्वकर्मापरमपूज्य हैं, तापमयी हैं, प्रखर हैं स्वमेव विश्वकर्मा। मान्य देव हैं,अति उत्कृष्ट हैं, प्रभुतामय देव विश्वकर्मा,वास्तुशिल्पी हैं, अभियंता प्रखर, सृजन देव विश्वकर्मा। भगवान विश्वकर्मा की महत्ता सदैव जाज्वल्यमान है,जिन पर हिंदू ही नहीं, सभी देवताओं को अभिमान है। मान्यताओं के अनुसार वे सर्वमान्य महान कर्मयोगी … Read more

श्रद्धा से करें श्राद्ध

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. श्राद्ध पक्ष में पितृअपने घर आते हैं,और हमारी श्रद्धा देखकरआशीर्वाद दे जाते हैं। श्राद्ध में हम जो भी करेंउसको श्रद्धा के साथ करें,और अपनी ज़िंदगीको खुशियों से भरें। आजकल चारों ओरश्रद्धा का अभाव है,ये पाश्चात्य संस्कृतिका प्रभाव है। पितृ आशा लेकर आते … Read more

पहनी भारत की खादी

विजयलक्ष्मी विभा प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)************************************ हम मिटा दासता सदियों की, जब ले आये आजादी,भारत के वीर सपूतों ने, पहनी भारत की खादी। हम समझ गये स्वराज्य क्या है,क्या अपना और त्याज्य क्या हैक्या अमर धरोहर है अपनी,इस धरती पर विभाज्य क्या हैहम उड़ा हवा में देते थे जब समझाती थी दादी। हम काट रहे थे दिन अपने,बस … Read more

श्राद्ध की धूप श्रद्धा की बात

डॉ. रचना पांडेभिलाई(छत्तीसगढ़)*********************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. श्राद्ध की धूप, श्रद्धा की बात,पितरों की याद, दिल की बातश्रद्धा के साथ, तर्पण का जल,पितरों की आत्मा को शांति का फल। पितरों की याद, दिल में बसी,श्रद्धा के साथ, उनकी आत्मा को प्यारश्राद्ध का दिन, पितरों का सम्मान,श्रद्धा के साथ, उनकी याद में जीवन। … Read more