पुस्तक ‘आज क्या खाना बनेगा ? एक अनुत्तरित प्रश्न’ लोकार्पित
पटना (बिहार)। लेखिका रूबी कुमारी की पुस्तक 'आज क्या खाना बनेगा ? एक अनुत्तरित प्रश्न' का लोकार्पण २६ दिसम्बर को कंकड़बाग कॉलोनी में खाद्य एवं पोषण विभाग (भारत सरकार) की…
पटना (बिहार)। लेखिका रूबी कुमारी की पुस्तक 'आज क्या खाना बनेगा ? एक अनुत्तरित प्रश्न' का लोकार्पण २६ दिसम्बर को कंकड़बाग कॉलोनी में खाद्य एवं पोषण विभाग (भारत सरकार) की…
सम्मेलन... तृशूर (केरल)। हिंदी और भारतीय भाषाएँ आपस में सहोदर हैं। वे एक-दूसरे को समृद्धशाली बनाती हैं। इनमें रचे गए साहित्य का आकलन मन के चश्मे से करेंगे तो एक…
मुरादाबाद (उप्र)। नवगीतों के रचनाकार योगेन्द्र वर्मा व्योम के गीत-संग्रह 'मौन को सुनकर कभी देखो' का लोकार्पण संस्था हिन्दी साहित्य संगम के तत्वावधान में मुरादाबाद स्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन…
देहरादून (उत्तराखंड)। फुलवारी में वर्षान्त की पुस्तक चर्चा में लेखक और शिक्षाविद् देवेश जोशी की सद्य प्रकाशित पुस्तक 'गढ़वाल और प्रथम विश्व युद्ध' पर हुई चर्चा में जिज्ञासा और रोचकता…
लोकार्पण... दिल्ली। जब घरों में भी महिलाओं के खिल-खिलाकर हँसने पर पाबंदी थी, ऐसे समय में कवि-सम्मेलन के मंच पर यदि किसी स्त्री ने हास्य-रस की प्रस्तुति दी तो वह…
इंदौर (मप्र)। वरिष्ठ शिक्षक और लेखक डाॅ. एस.एन. तिवारी की स्मृति में इस वर्ष का साहित्यिक सम्मान ५ रचनाकारों को दिया जाएगा। यह समारोह रविवार २९ दिसंबर को इंदौर प्रेस…
दिल्ली। हिंदी भारत की आत्मा व पहचान है तथा अन्य भाषाओं के साथ इसने समाज तथा राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हिंदी ने देश की सांस्कृतिक विविधता…
श्रद्धांजली... उज्जैन (मप्र)। डॉ. प्रभात कुमार भट्टाचार्य ने अपना पूरा जीवन शिक्षा, रंगकर्म और साहित्य की सेवा में अर्पित कर दिया। कालिदास अकादमी के निदेशक के रूप में उन्होंने रंगकर्म…
विमोचन... तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु)। तमिल साहित्य का गौरव 'तिरुक्कुरल' भारतीय संस्कृति एवं मानवीय चिंतन की शुद्ध और विराट अभिव्यक्ति है। तिरुक्कुरल सूक्तियों का भंडार है। सूक्तियाँ राजा और प्रजा, बड़े और…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** कल्पना से कुछ लकीरें खींच लाएंगे,अल्पना भर रंग हर कोना सजायेंगे। नृत्य शाला भाव की नूपुर-सी बजती,दिल लगा झँकार में तुमको नचायेंगे। कामनायें, लांक्षनायें, अनकही बातें,है कसम…