संघर्ष भरा जीवन…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)… संघर्ष भरा जीवन, मजदूर जिया करते।हर एक मशक्कत से, दु:ख दूर किया करते। संघर्ष जरूरी है हालात बने जो भी,बिस्मिल न असर करता भरपूर दुआ करते। युग बीत गए कितने, अंजाम यही इनके,बदले न अभी तक जो दस्तूर हुआ करते। तकलीफ़ बहुत होती, संघर्ष कहाॅं … Read more

पसीना बहाते रहे

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)… सुख की खातिर दुखों को उठाते रहे,राह में नित पसीना बहाते रहे। बारिशों से कभी हार माने नहीं,गर्मियों में सड़क को बनाते रहे। आशियाना बनाना कठिन था मगर,इस धरा को बिछौना बनाते रहे। काल का रूप कैसा भी हो उम्रभर,अपने घर से उसे हम भगाते … Read more

तबस्सुम उदास है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** आँखें हैं अश्क-बार तबस्सुम उदास है,अल्फ़ाज़ चुप हैं और तकल्लुम१ उदास है। मूसीक़ी२ बिन तेरे न रही मेरी ज़ीस्त३ में,टूटा है दिल का साज़ तरन्नुम उदास है। ख़ुशबू-सिफ़त४ सदा तेरी मौजूद है यहीं,लेकिन तेरे बग़ैर ये क़ुम-क़ुम५ उदास है। ‘जगजीत’ कर ‘लता’ की ‘निदा’ से जो क़ल्ब६ में,बहता था … Read more

नसीब मेरा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प: १२१२-२१२-१२२-१२१२-२१२-१२२… मिले कभी तो मुझे मुहब्बत, सजा सके जो नसीब मेरा।जिसे जरूरत मुहब्बतों की, बना रहे वो हबीब मेरा। मिटे न मुश्किल मिले न मंजिल, रहा करे बेकरार ही दिल,सजी न हालत दिले जहां की, मिले कहीं तो रकीब मेरा। कहीं न होतीं इनायतें अब, मिलें सभी से कयामतें … Read more

दस्तूर न बदले

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* वक्त बदले हाल बदलें, पर कभी दिल भी न बदले।दौर बदलें तो न फितरत भी कभी दिल की न बदले। दिल किया करते मुहब्बत देन कुदरत की दिलों को,दान का सम्मान हो तो कुदरती हस्ती न बदले। हो तमन्ना ही दिलों से पर तसल्ली ही न होती,हो तसल्ली भी अगर … Read more

सजाता नहीं

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* कौन जज्बात दिल में सजाता नहीं।कौन इनको बना के मिटाता नहीं। हर किसी की बनी हसरतें दिल में ही,बिन जुबां का बना ये सुनाता नहीं। दिल मुहब्बत करे और नफ़रत करे,खुद समझ लो कभी ये दिखाता नहीं। दूरियों में अगर दिल मिलाके रहें,मान नजदीकियों के हटाता नहीं। आप समझो ‘चहल’ … Read more

यहीं होंगी बहारें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* आप आओ तो सजा लें,जिन्दगानी की बहारें,वक्त खुद का हम सजाएं,तो यहीं होंगी बहारें। दिल खुदी मिटने न दे तो,ये सभी को ही सजाती,प्यार से फिर हम सभी लें,खूबसूरत-सी बहारें। देखती कुदरत हमारे, प्यार के मंजर सदा ही,ये जहां भी जानता है, हैं उन्हीं से ही बहारें। कौन कहता मुश्किलों … Read more

अज़ाब से पानी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** ‘विश्व जल दिवस’ विशेष… ज़िंदगी के अज़ाब से पानी।देखो भरते नवाब से पानी। ज्यों ही छलका हिजाब से पानी।गुम हुआ माहताब से पानी। इश्क़ की कारसाज़ियाँ देखो,झाँके रुख़ का नक़ाब से पानी। चूम कर लब, मुझे महब्बत है,कह रहा है गुलाब से पानी। छोटी-छोटी-सी मेरी आँखों में,है ज़ियादा चनाब … Read more

न घबराएँ तो सोएँ

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** विश्व नींद दिवस (१५ मार्च) विशेष…. हम अपनी हक़ीक़त से न घबराएँ तो सोएँ।आँखों में कोई ख़्वाब सजा पाएँ तो सोएँ। मायूसियों ने हमको जगा रक्खा है कब से,करवट लें अगर दिल में कुछ आशाएँ तो सोएँ। आराम न आराम हमें देगा ख़ुदारा,दिन भर की मशक़्क़त से जो थक … Read more

इकराम नहीं होता

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** दिल में जो मेरे सच्चा इक़दाम नहीं होता।मंज़िल न मिली होती इक़राम नहीं होता। जो अज़्म के हामिल हैं कब ठहरे क़दम उनके,जब तक न ज़फ़र पा लें आराम नहीं होता। हाक़िम की हर इक हाँ में हम भरते अगर हामी,गर्दिश में हमारा फिर अय्याम नहीं होता। समझाइशें देते … Read more