शिव-सुंदर के गुण मैं गाऊं

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* शिव की कृपा का करके चिंतन,गुरु आज्ञा से नाम दोहराऊं।भव में नित्य अकेली रह के,शिव-सुंदर के गुण मैं गाऊं॥ कैसे मैं चाहूं अपने शिव…

Comments Off on शिव-सुंदर के गुण मैं गाऊं

बहती है रसधार

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मेघ, सावन और ईश्वर... सावन अब आया, मन को भाया, पड़ने लगी फुहार,बरसे हैं बादल, दिल है घायल, बहती है रसधार।बन-ठनकर आये, मेघा छाये, लगते…

Comments Off on बहती है रसधार

कैसे प्रभु विनय करें हम ?

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मेघ , सावन ,ईश्वर... सावन बीता जाये है, अब तो बरसाओ भगवन।दिनकर का ताप कहाँ तक, झेले ये कोमल तन-मन। सूखे हैं नदियाँ-नाले,सूखे हैं ताल तलैंयाँहरियाली दिखे न…

Comments Off on कैसे प्रभु विनय करें हम ?

शाश्वत अधिकार चाहिए

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए,कोई तो हो, जिस पर शाश्वत अधिकार चाहिए। हर दिल की बस मांग यही है अनंत सुखसागर डूबूं,कोई प्रीतम…

Comments Off on शाश्वत अधिकार चाहिए

रचा मुझको, यही सम्मान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* विधाता ने रचा मुझको, यही सम्मान है मेरा।पिता-माता बने दाता, किया भगवान ने डेरा॥ तरसता मैं न दर्शन को, उन्हीं के साथ में रहता,बरसता प्यार…

Comments Off on रचा मुझको, यही सम्मान

जीना हमको सिखा दो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:२ २ २ २ २ १ १ २ २ २ २ २ २ २ १ १ २ २... हम बालक हैं आप बड़े हो, जीना…

Comments Off on जीना हमको सिखा दो

गुजारें प्रेम से जीवन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गुज़ारें प्रेम से जीवन, नफ़रती सोच को छोड़ें।हम अपने सोच की शैली अभी से, आज से मोड़ें॥ अँधियारे को रोककर, सद्भावों का गान करें,मानव बनकर मानवता…

Comments Off on गुजारें प्रेम से जीवन

मानव अब तो जाग जरा

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** सब 'धरा' रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)... धरा में ही धरा है सब कुछ,धरा से ही तुझे मिला है सब कुछ।अनमोल वसु ये हवा,…

Comments Off on मानव अब तो जाग जरा

साहस की जय

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कर्म करे जो जोश से, खुशियों से भर जाए।आस पराई जो तके, जीवित ही मर जाए॥ जीवन ख़ुद जीना पड़ता है, पीड़ा से लड़ना पड़ता है,कैसी…

Comments Off on साहस की जय

छाया है मधुबन-सी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* अलसाये अनुबंधों से गीत लिखूँ, गीत लिखूँ।छाया है मधुबन-सी, जीवन संगीत लिखूँ॥ फैला प्रकाश आज, तिमिर को संग लिये,कुछ प्रकाश कुछ तिमिर का सम्मिलित प्रयोग…

Comments Off on छाया है मधुबन-सी