मंजुल ऋतु वधु-सी आयी…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मंद पवन हिंडोले में,सिंदूरी सी गोले मेंरख उमंग भर मंजूषा,मन भर आंनद तोले में।चलती हौले अलसायी,मंजुल ऋतु वधु-सी आयी…॥ छू हर हृदय हर्षाती,छुई-मुई-सी शर्मातीआम्र मंजरी श्रंगारित,टेशू अंजुल…

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लक्ष्य न पूरा हुआ सृजन का

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ हाय मृत्यु तुम निकट न आओ,लक्ष्य न पूरा हुआ सृजन का। इसीलिये लिखती हूँ मैं तो,जीने का कुछ समय बढ़ा लूंजितने वर्ष घटे जीवन के,उतने इसमें गीत मिला…

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जीवन पथ

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** जीवन पथ ही समर भूमि है, पार स्वयं कर लो।उलझन से है आप निकलना, गाँठ बाँध धर लो॥ हर क्षण नित्य परीक्षा लेता, कष्ट बहुत मिलता,जब करता…

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रात की आयु कुछ ढल गई…

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ दीप में वर्तिका जल गई।रात की आयु कुछ ढल गई॥ कुछ अँधेरे में ही कट गई,दीप की ज्योति में कुछ कटेगीरात जीवन की साथी नहीं,देखते-देखते पौ फटेगी।है प्रकृति…

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ज़िन्दगी को मान ले…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* ज़िन्दगी को मान ले जग की धरोहर।बन्दगी के ज्ञान से बन जा सरोवर। मिट न जाए वक्त तेरा मन बना ले,उम्र की मोहलत मिली इसको…

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दास्तां

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रहे दास्तां यदि जीवित तो, पाती तब वह मान है।गौरव में जीवन की शोभा, मिलता नित यशगान है॥ दीन-दुखी के अश्रु पौंछकर, जो देता है सम्बलपेट…

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भारत धरा शिखर पर…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* गणतंत्र दिवस : देश और युवा सोच... भारत धरा शिखर पर, सजकर रहे हमेशा।गणतंत्र इस वतन का, दे प्यार का संदेशा।हर एक मन सजाता सम्मान…

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आज़ादी के मतवाले

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भारत माँ की आज़ादी को, बहुत यहाँ क़ुर्बान हुए।गोरों से लड़कर के सारे,देशभक्त संतान हुए॥ हमने रच डाली नव गाथा,लेकर खडग हाथ अपनेनहीं हटाये बढ़े हुये…

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भाषा न्यारी-सी…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* हिंदी की बिन्दी... भाषा न्यारी-सी, भारत की हिंदी।सजती दुल्हन-सी, हिंदी की बिन्दी॥ दुनिया में हिंदी का, सम्मान सजता है,इसकी मिठास का, जग गान करता…

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नववर्षाभिनन्दन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नई हवा है, नया वतन है।नये वर्ष का, अभिनंदन है॥ नया-नया सा, अब मौसम है,दूर हो गया, अब हर ग़म है।जीवन अब तो, क्या आलम है,हर…

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