मानवता जीवन की शोभा
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* प्रेम-नेह को जब बाँटोगे, तब जीने का मान है।मानवता जीवन की शोभा, मिलता नित यशगान है॥ जाति-पाँति में क्या रक्खा है,ये बेमानी बातें हैं,मानव-मानव एक बराबर,ऊँच-नीच…