जीवन सीख न पाते
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:मुखड़ा-१६,१२ मात्राओं की यति पर २८ मात्रा के २ पद। प्रत्येक पद में १२ मात्राओं का टेक। अंतरा-२८ (१६+१२) मात्राओं के ३ पद। फिर १२ मात्राओं का टेक। धरती, अम्बर, नदियाँ, सागर, धीरज गुण अपनाते।धीरज गुण अपनाते…।देखें समझें फिर भी गुण ये, जीवन सीख न पाते।जीवन सीख न पाते॥ हर … Read more