हरि जो‌ चाहे करवाएं

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासीसहारनपुर (उप्र)************************************************* हरि केवल प्रहलाद को नाहीं, हरि केवल ध्रुवदास को नाहीं।जो भी दृढ़ हो हरि-शरणागति उसके ही हैं नाथ सदाहीं॥ भक्त कोई संकल्प न करता…

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संस्कारों की भाषा हिंदी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक 'हिंदी' (हिंदी दिवस विशेष).... लेखक कवि की लेखनी का हिंदी ही तो गान है।हिंदी हमारी चेतना हिंदी हमारी शान…

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तुम्हारी सेवा प्राणों से प्यारी

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासीसहारनपुर (उप्र)************************************************* आयी शरण में शिव जी मैं तो तुम्हारी।अब तो तुम्हारी सेवा प्राणों से प्यारी॥ जीवन का सार तुममें करके समाहित,अर्थी-कलश इच्छाओं का गंगाजल प्रवाहित।आकर…

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धरती ख़ूब सजातीं

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचना शिल्प:२८ मात्रा प्रति चरण। १६, १२ पर यति... अम्बर से किरणें आकर के, धरती में बिछ जातीं।झीलों नदियों की सतहों पर, स्वर्ण रजत दिखलातीं॥…

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गुरुवर तुम हो दिव्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* तुमने दिया विवेक तो, हुआ सत्य का भान।तुमसे ही है दिव्यता, गुरुवर ऐ भगवान॥ हुआ सत्य का भान, नहीं तो मैं ढल जाता,कर लेता अवसान, धरा…

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हर पहर धरती

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* हर पहर धरती गगन में प्रेम के ये पल दिखे।पास रहकर दूर लगते चाहतों से हल दिखे॥ चाॅंद सूरज की किरण देती जमीं को रौशनी,रौशनी…

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शिक्षा संंवारती मानस को

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ शिक्षक समाज का दर्पण.... जिसने यह जीवन दिया हमें भगवान उसी को कहते हैं।जो शिक्षक हमें पढ़ाते हैं,हम ग्यान उसी को कहते हैं॥ ये दुनिया है विशाल गाड़ी,इसके…

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चमकेगा किस्मत का नवतारा

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** शिक्षक दिवस विशेष... शिक्षा के अनमोल रत्न से, कर लें मन उजियारा।शिक्षित होकर नित्य मिटेगा, अंतर्मन अँधियारा॥ जिसके मन में ज्ञान दीप है, जीवन भर सुख…

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सभ्य है समाज, पर…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** सभ्य है समाज, पर घना अँधेरा है,फिर स्त्री-अस्मिता को पाप ने घेरा है।कैसी आग है जो बुझती है बस जिस्म से,हे सुदर्शन आओ, अब भी पापियों का…

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मेरी कल्पना हो

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* तुम ही मेरी कल्पना हो, तुम ही मेरी साधना।तुम्हीं मेरे मीत हो और, तुम ही हो आराधना॥ हृदय विभोर इतना है मेरा, कब आओगे श्याम,होंठों…

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