हे! गिरिधर गोपाल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हे! गिरिधारी नंदलाल, तुम कलियुग में आ जाओ।राधारानी को सँग लेकर, अमर प्रेम दिखलाओ॥ प्रेम आज अभिशाप हो रहा, बढ़ता नित संताप है,भटकावों का राज हो…

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जगत पुकारे

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* मोहन-मोहन जगत पुकारे,मोहन मोहन बनो सहारे।जग तेरा ही माला जपताकान्हा तारणहार हमारे॥ नाथों के तुम नाथ रहे हो,सच्चाई के साथ रहे हो।प्यारे मोहन मुझे बताओ,मौन विवश…

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राखियाँ शुभगान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रक्षाबंधन विशेष... नेह मंगलमय हुआ है, राखियाँ शुभगान हैं।दे रहीं बहनें दुआएँ, भाई के अरमान हैं॥ हो गया मौसम सुनहरा, चेतना उल्लास में,आन रिश्तों को मिली…

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शिव नाम का एक दीपक जलाऊं

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* मुख रूपी द्वार जीभ रूपी दहलीज़ पर,शिव नाम का एक दीपक जलाऊं।अंदर उजियारा कभी बाहर उजियारा,तन-मन भवन में फिर उसको घुमाऊं॥ ज्ञान की तीली…

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औघड़दानी बाबा

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** सुबह सवेरे, नंगे पाँव चल के,आया है तेरे द्वार, ओ बाबा मेरे।भक्तों की लंबी कतार, ओ बाबा मेरे।भक्तों की…॥ कांधे पर कांवड़, लेकर आए,मधुर स्वर में,…

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स्व-मन स्व-नियन्त्रण

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* मन पर दया और मन का दुलार।महंगा पड़ा है तुझको बारम्बार॥ निकृष्ट सोच इसकी जलन हम सहन करें,इसकी भोग वृत्तियों को कब तक वहन…

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ऐसे भक्त लगते शिव को प्यारे

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* विरहा-वेदना कातर मन से शिव को जो भी पुकारे।ऐसे भक्त-सेवक मेरे शिव को लगते हैं अति प्यारे॥ आँखों में आँसू भर कर जो शिव…

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महिमा शब्द की

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* यमक अलंकार आधारित... महिमा शब्द 'वर्ण' की जानो,सात 'वर्ण' ही मुख्य मान।'नव' दिवस हो शुभमंगलमय,आओ गा लें 'नव' रस गान॥ कृषक रात भर 'खेत' में रहा,रण में…

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बम बोले

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* मेघ, सावन और ईश्वर... मन का डमरू बोले।जय जय जय बम बोले॥ भक्ति भाव उर भरकर,झूम रहा जग सारा।लेकर कांवर निकले,शम्भू की जयकारा।मन मेरा भी कहता,शिव…

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शिव-सुंदर के गुण मैं गाऊं

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* शिव की कृपा का करके चिंतन,गुरु आज्ञा से नाम दोहराऊं।भव में नित्य अकेली रह के,शिव-सुंदर के गुण मैं गाऊं॥ कैसे मैं चाहूं अपने शिव…

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