नीर बादल बरसाते
डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* बादल करते शोर, दामिनी दम-दम दमके।भीत कामिनी नार, आसमां चमचम चमके॥बरसे सावन मास, सभी जन हर-हर बोले।पाएं शिव आशीश, नाथ शिव शंकर भोले॥ गाओ मस्त मल्हार, झूम के बादल आए।करते गर्जन घोर, धरा की प्यास बुझाए॥डूबे सड़कें ग्राम, उफनते नदियाँ- नाले।कुदरत का यह खेल, हमें अचरज में डाले॥ भर गए … Read more