पावन ये धरती
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प: मापनीयुक्त वर्णिक, ८ वर्ण, मापनी-गालल गालल गागा २११ २११ २२, पिंगल सूत्र-भ भ ग ग, ध्रुव शब्द-जाता, २ २ चरण या चारों चरण समतुकांत भारत देश हमारा।है हमको यह प्यारा।पावन ये धरती है।कष्ट सभी हरती है। जन्म यहाॅं जन पाता।व्यर्थ न जीवन जाता।त्याग यहाॅं जन में है।दुःख न जीवन में … Read more