भोले करना कृपा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** श्री शिवाय नमस्तुभ्यम… हे गौरी के लाल श्री, बुद्धि विनायक आप।मातु-पिता शंकर शिवा, दूर करो सन्ताप॥ दूर करो सन्ताप अब, सहा न जाये भार।हे भोले करना कृपा, मन से मिटे विकार॥ मन से मिटे विकार सब, सरल रहे व्यवहार।हे भोले करना कृपा, बहे प्रेम की धार॥ बहे प्रेम की धार … Read more

प्रथम भोर, नये एहसास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* प्रथम भोर नव वर्ष में, नव पौरुष एहसास।रीति-नीति सम्प्रीति रस, भर दे हृदय मिठास॥ नया सबेरा अरुणिमा, खिलत चहुँ सतरंग।सत्प्रेरक सद्मार्ग में, रग-रग भरे उमंग॥ हरितिम हो सारी प्रकृति, सरिता सलिल प्रवाह।निर्मल हो पर्यावरण, सुगम लक्ष्य हो राह॥ प्राण वायु निर्मल बहे, खिले वृक्ष फलदार।महकें कलियाँ खिल कुसुम, चहुँ … Read more

हलचल हो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हलचल हो दिल आलसी, कामचोर लाचार।भूख प्यास कैसे मिटे, ज्ञानशून्य बेकार॥ अपराधी के हृदय में, हलचल भय कानून।सख्त हुई सरकार है, खोये दुष्ट जूनून॥ बदलेगी अब फिर फ़िजा, पाक मचेगा शोर।हलचल पाकी दहशती, भरत वीर चहुँ ओर॥ फिर सीमा पर हलचलें, पाक चली है चाल।घुसे पुनः जम्मू जमीं, होगा … Read more

बनो जौहरी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* समय जौहरी कर रहा, परख समय की नित्य।समय सदा लगता मुझको, मानो ज्यों आदित्य॥ बनो जौहरी नित करो, बुरे-भले में भेद।वरना होना तय समझ, निज कश्ती में छेद॥ होता है जो जौहरी, कर लेता पहचान।हीरे का वह मोलकर, कहलाता गुणवान॥ रखो संग में नित्य ही, प्रियवर आप विवेक।तभी जौहरी बन सको, … Read more

मौन दूरदर्शी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मनमोहन शीतल सहज, मितभाषी अति धीर।मौन दूरदर्शी सटिक, नयी सोच तस्वीर॥ कुशल प्रशासक वतन का, भारत बने प्रधान।शान्त प्रकृति थे सिंहवत, देश सपूत महान॥ अर्थशास्त्र ज्ञाता प्रखर, नीति न्याय प्रतिमान।मिलनसार व्यक्तित्व थे, मनमोहन सन्तान॥ शान्त सौम्य निर्लिप्त मन, विश्व श्रेष्ठ मतिमान।भारत रिजर्व बैंक का, गवर्नर थे महान॥ राजनीति के … Read more

पहले भूमिका

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* पहले होती भूमिका, फिर बनती है बात।जैसे दिन के बाद ही, आती है हर रात॥ बन जाए जब भूमिका, पूरा होता काम।बिना भूमिका जो बढ़े, उसका काम तमाम॥ शांत चित्त से बैठकर, बने भूमिका सत्य।होता है फिर काम भी, निकले उसमें तथ्य॥ जीवन में हर एक की, नियत भूमिका मीत।जिसका … Read more

गाओ धुन श्रीराम की

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* गाओ धुन श्रीराम की, पाओ सुख हरि धाम।तजो मोह माया जगत, जय जय राघव नाम॥ भजो रामधुन जानकी, रघुपति कृपा निधान।मर्यादा जीवनचरित, विष्णु रूप भगवान॥ दशरथ नन्दन राम धुन, गाओ रे नर लोक।पितृभक्ति श्री राम से, सीख हरे सब शोक॥ सुमिरन धुन अवधेश की, जी लो प्रभु पद राम।गुणागार … Read more

मति विवेक वश मन करो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आशा मन अतिरेक बन, चाहत बिना प्रयास।करे याचना पद विभव, दीन-हीन आभास॥ मन सुन्दर जग चारुतम, अम्बर मुक्त उड़ान।सत्य न्याय पथ त्याग बल, संजीवन वरदान॥ रखो मनोबल धैर्य को, रहो संयमित ध्येय।साहस रख विश्वास ख़ुद,रिद्धि सिद्धि यश गेय॥ निन्दक नित प्रेरक पथी, मन का कर अवरोध।चल पौरुष पथ सच … Read more

जुगनू हैसियत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* समझो जुगनू हैसियत, गहन अमावस रात।छिपते जलते रातभर, सुख-दु:ख बन सौगात॥ परनिन्दा औषधि समझ, दिग्दर्शक सोपान।जुगनू बन आलोक दे, निन्दक प्रभु वरदान॥ हरित पौध पादप कुसुम, चहुँ दिशि खिला निकुंज।सावन पहली बारिशें, फैली जुगनू पुंज॥ नव रंगों से है सजा, आया फागुन मास।इतराती रति रागिनी, इठलाती मृदुभास॥ बन जुगनू … Read more

कठिन प्रतिज्ञा सिया की

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अगहन शुक्ला पंचमी, सनातनी त्यौहार।विवाह दिन श्री राम का, अवध हुआ उजियार॥ हुआ स्वयंवर जानकी, सजा जनक दरबार।धनु पिनाक को तोड़ने, आये राजावार॥ कठिन प्रतिज्ञा सिया की, वरमाला आधार।धनुष भंग जो वर करे, पहनाये गलहार॥ तोड़ न पाये शिव धनुष, राजा राजकुमार।देख दुखी राजा जनक, वीर हीन संसार॥ दुखी … Read more