अहम् मन महानाश
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अहम् ब्रह्म अनुभूति मन, महानाश आह्वान।नश्वर सुख सत्ता विभव, फँसे मूर्ख शैतान॥ अहम् वहम अभिमान में, जलता मानव लोक।पाऍं कहॅं सुख शान्ति जग, कौन हरे गम शोक॥ अहंकार पद मोह में, बुद्धि चले विपरीत।प्रेम न्याय संवेदना, क्या जाने दुर्नीत॥ अहम् भाव छल मोहवश, सत्ता नेता अन्ध।टूटी मर्यादा सभी, न्याय … Read more