जम के बरसो बदरा
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जल की पहली बूँद ने, गाया मंगल गीत।कृषकों की तो बन गई, वर्षा अब मनमीत॥ जमकर बरसो आज तुम, ऐ बदरा मनमीत।धरती के दिल को अभी, लो तुम प्रियवर जीत॥ बचपन की बारिश सुखद, बेहद तब उल्लास।खुशबू मिट्टी की भली, सोंधेपन का वास॥ पहली बारिश जब हुई, हरियाली का दौर।आसमान के … Read more