फिर चुनाव का समय

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* फिर चुनाव का समय है, शुभारंभ गठमेल।हाथ जोड़ नेता वतन, जनता से अठखेल॥ लोक सभा दंगल पुन:, बदजुबानी जंग।हिंसा दंगा छल घृणा, छीटें पड़ते…

Comments Off on फिर चुनाव का समय

रक्तदान-महादान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रक्तदान तो पुण्य है, करुणा का है भाव।वह ईश्वर का पुत्र है, जिसमें यह है ताव॥ रक्तदान से ज़िन्दगी, बचना हो आसान।दान करें सब रक्त का,…

Comments Off on रक्तदान-महादान

कड़कती धूप

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** आज कड़कती धूप में, वृक्ष एक है मित्र।जनहित गुण परिपूर्ण है, खीचूँ उसका चित्र॥ वाहन पर मैं जा रही, मिले राह पर छाँव।देह जलाती धूप है,…

Comments Off on कड़कती धूप

थे कबीर के समयुगी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मध्यकाल के लाड़ले, थे महान रविदास।जिनने मानव को दिया, एक नया विश्वास॥ जाति-भेद को मारकर, सौंपा नवल विहान।प्रखर संत रविदास थे, सचमुच बहुत महान॥ मन चंगा…

Comments Off on थे कबीर के समयुगी

आया वसन्त चारुतम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आया वसन्त चारुतम, कुसुमित हुआ दिगन्त।हरित-भरित किसलय लसित, हुआ शीत का अन्त॥ गया पूस सर्दी गयी, स्वागत नवल वसन्त।भव्या रम्या धरित्री, सुरभित सुमन दिगन्त॥…

Comments Off on आया वसन्त चारुतम

खिलने लगे पलाश

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* खिलने लगे पलाश तरु, मनमोहक उद्यान।खिली-खिली मधु माधवी, ऋतु वसन्त उद्भान॥ भव्य मनोहर बिन सुरभि, खिलने लगे पलाश।आकर्षक दुर्जन जगत, सम पलाश मन आश॥…

Comments Off on खिलने लगे पलाश

दूर करें अज्ञान को

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* विद्या से मिलती विनय, होय अहम का नाश।चोर न चोरी कर सके, खुल जाते सब पाश॥ सुंदर मुखड़ा हो भले, ज्ञान न जिसके पास।मनुज वह पशु…

Comments Off on दूर करें अज्ञान को

चले राम पतवार तो…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* भक्ति राम भगवान की, बनी रहे पतवार।चले राम पतवार तो, जीवन हो भव पार॥ सिया राम की ये धरा, कितनी पावन पुन्य।मात-पिता सन्तान हों, इस…

Comments Off on चले राम पतवार तो…

राष्ट्र एकता प्रथम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* राष्ट्र एकता प्रथमतः, लोकतंत्र का ध्येय।सार्वभौम गणतंत्र में, संविधान है गेय॥ धर्म प्रथम कर्त्तव्य निज, पालन है अधिकार।इम्तिहान हर कर्म फल, मानक है सरकार॥…

Comments Off on राष्ट्र एकता प्रथम

रघुनंदन राघव ललित

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रघुनंदन राघव ललित, कोशलराज सुवास।सियाराम जगबन्धु की, मुक्ति द्वार बस आस॥ आस-पास सीतारमण, अवधराज श्रीराम।लखनलाल सेवित प्रभो, राघवेंद्र अभिराम॥ काल चक्र विद्युत समा, सर्व…

Comments Off on रघुनंदन राघव ललित