अनुभव ही श्रेष्ठ शिक्षक

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सर्वश्रेष्ठ शिक्षक समझ, अनुभव जीवन गीत।भावुकता-सा नित परे, खुशियाँ गम संगीत॥ आईना जीवन फलक, अनुभव बने अतीत।यादों के सुनहर पटल, वर्तमान निर्मीत॥ मानवीय सम्वेदना, जीवन की आहूति।रिश्तों की पहचान को, सहेजती अनुभूति॥ चिर नवीन अनुभव बने, खुले मार्ग अवरोध।सफ़र जिंदगी खुशनुमा, चिन्तन हित नवशोध॥ मिले रोशनी भ्रमित मन, बीते … Read more

परिभाषा नारी कठिन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* परिभाषा नारी कठिन, महिमा कठिन बखान।हे अम्बा धरणी जयतु, कठिन मातु सम्मान॥ लज्जा श्रद्धा मातृका, ममतांचल संसार।क्षमा दया करुणा हृदय, मातृशक्ति उपहार॥ नार्य जगत यथार्थता, है दुनिया अनजान।थके व्यास लेखन समय, गणपति करे बखान॥ परिवर्तन जीवन जगत, समय चक्र बलवान।किन्तु अम्ब ममता हृदय, अक्षय अगम समान॥ संवेदन नारी प्रकृति, … Read more

करो विश्व कल्याण

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम… भटक रहे हैं लोग सब, संकट में हैं प्राण।परमेश्वर भोले नमः, करो विश्व कल्याण॥ परम् सत्य शिव सुन्दरम्, देवों के सरताज।हे परमेश्वर शंभु शिव, दया करो नटराज॥ भक्ति प्रबल मेरी रहे, मन में दृढ़ विश्वास।लेकर शिव के नाम को, चढ़ जाऊँ कैलास॥ दुखियों के दुख-दर्द को, करते … Read more

कोई अपना सा लगे

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कोई अपना-सा लगे, कोई दिली करीब।मन उदास खुशियाँ मिले, लगता बड़ा अजीब॥ दे सुकून अपनत्व रख, मिटे शोक संताप।प्रेम लेप शीतल करे, हम दिल बने मिलाप॥ भूले गम जख्मों सितम,हो मधुरिम आलाप।हर्षित हो मन उदासी, मानो शीतल आप॥ फिर से महफ़िल खुशी की, रिश्ते बने नवीन।खिले चमन मुस्कान बन, … Read more

शिव जीवन आधार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम… महादेव श्री शम्भु शिव, है जीवन आधार।चरणों में इनके टिका, ये सारा संसार॥ अपने जो आराध्य का, करते हैं नित ध्यान।देवों के इस देव का, कैसे करूँ बखान॥ मृग छाला तन शोभते, चन्द्र विराजे भाल।गंगा जिनके शीश पर, भोले दीन दयाल॥ मेरे मन की कामना, कहता हूँ … Read more

बासी रोटी भी कहाँ!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* बासी रोटी के लिए, भटक रहे बहु लोग।कैसी आजादी मिली, फँसे कोटि जन रोग॥ देख भूख की विवशता, क्रन्दित है कवि चित्त।कैसी जनता अवदशा, भूख प्यास आवृत्त॥ बासी रोटी भी कहाँ, मिलती दीन नसीब।लानत ऐसी जिंदगी, मानव जन्म गरीब॥ धँसी आँख खोदर बने, सूखी अश्क विहीन।कहाँ बची सम्वेदना, मानवता … Read more

शिव से रिश्ता जोड़िए

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम… नश्वर इस संसार से, क्या जायेगा साथ।शिव से रिश्ता जोड़िये, सदा झुकाकर माथ॥ औघड़दानी शम्भु शिव, लेते हैं जो नाम।काम सफल होते सभी, पाते हैं सुखधाम॥ संकट से रक्षा करें, शम्भु-शिवा सुखधाम।परम् पिता संसार के, जप लो इसका नाम॥ जपते जो शिव नाम को, उनका बेड़ा पार।चले … Read more

मजदूरी तकदीर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)… भार धरा शाश्वत शिरसि, अथक वेदना चूर।कहता है ख़ुद दास्तां, दीन- हीन मज़दूर॥ पड़े फफोले हाथ में, घायल पैर सवाल।हुआ स्वेद जल तरबतर, धूल गात्र बदहाल॥ फ्रिज़, कूलर ए.सी. कहाँ, बनी सड़क रनिवास।यायावर संघर्ष पथ, व्योम गेह आवास॥ कहाँ ज्ञान विज्ञान का, जीवन चारागाह।भूख-प्यास … Read more

मेल-मिलाप घट रहा…

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** वर्तमान की जिंदगी, हुई आज अति व्यस्त।मोबाइल चहुँओर है, मनुज लीन अरु मस्त॥ आज दूरियाँ बढ़ रही, फैला जो यह यंत्र।मेल-मिलाप कम हुए, टूटे बंधन तंत्र॥ कुछ जन लेते लाभ हैं, करते इस पर कार्य।कुछ आनंद में लीन हैं, दिनभर रखते धार्य॥ युवा हमारे देश के, तनिक न रखते भान।शिक्षा के … Read more

हरो दुःख-सन्ताप

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम…. भक्ति जगा दो शंभु शिव, जीवन होवे धन्य।घट-घट वासी आप हैं, बना हमें चैतन्य॥ निभा सकूँ निज धर्म को, देना मुझको ज्ञान।कहे ‘विनायक’ आपसे, भोले कृपा निधान॥ रामेश्वर रामेश्वरम्, दर्शन सुबह व शाम।भोले मैं सुमिरन करूँ, कृपा सिंधु सुखधाम॥ अर्ज हमारी सुन प्रभो, करो कृपा बरसात।कहे ‘विनायक’ … Read more