मधुर मकर संक्रांति
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आओ मुँह मीठा करो,गुड़, तिल खाओ जान।संबंधों में नेह हो, है संक्रांति महान॥ प्रेम बढ़े हम लोग का, मेला घूमें आज।तू मेरे,मैं दिल तिरे, कर लें हरदम राज॥ सूर्यदेव की वंदना, से जीवन में हर्ष।मिलन, नेह अब रोक ना, तभी फलेगा वर्ष॥ गंगा तट पर हम मिलें, करने पावन नेह।दो दिल … Read more