भजो कृष्ण प्रिय राधिका

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रासबिहारी राधिका, दुर्लभ दर्शन संग।वृन्दावन मधुवन सुखद, राधा रास उमंग॥ वृन्दावन राधा लसित, मनमोहन घनश्याम।नन्दग्राम नंदज मुदित, नित रक्षित बलराम॥ मथुरा में मथुरा रमण, गोकुल में गोपाल।द्वारिकेश प्रभु द्वारिका, जगन्नाथ श्री धाम॥ रंगनाथ रंजित चरित, दर्शन पथ कर्त्तव्य।योगक्षेम धर्मार्थ हित, धेय मोक्ष ध्यातव्य॥ भाग्यवान द्वापर मनुज, मिला कृष्ण संसर्ग।सच्चिदानंदन … Read more

विविधताओं का भारत देश मेरा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मिली आज स्वाधीनता, दिया कोटि बलिदान।लहराया आकाश में, ध्वजा तिरंगा शान॥ वीरों की कुर्बानियाँ, शत-शत करूँ प्रणाम।मिटा अंधेरा दासता, लोकतंत्र अभिराम॥ भेदभाव सब भूलकर, बनी एकता देश।आन्दोलन वर्षों तलक, ब्रिटिश विरोधी क्लेश॥ आरक्षण के तिमिर में, मिटा देश सद्भाव।धर्म जाति भाषा जमीं, वज़ह कलह मन घाव॥ समरसता अपनत्व का, … Read more

देवपुरुष सिखला गए करना कर्म

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कृष्ण जन्मदिन मांगलिक, एक सुखद उपहार।बिखरा सारे विश्व में, गहन सत्य का सार॥ कृष्ण जन्म दिन दे खुशी, सौंपे हमको धर्म।देवपुरुष सिखला गए, करना सबको कर्म॥ कृष्ण जन्मदिन रच रहा, गोकुल में उल्लास।जिसने सबको सीख दी, रखना हर पल आस॥ कृष्ण जन्मदिन सत्य का, बना एक उद्घोष।कंस हनन कर हर लिया, … Read more

आज़ादी के बाद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आजादी हमको मिली, हुये सभी आजाद।पर स्वछंदता बढ़ गई, यही आज अवसाद॥ दिन पर दिन तो बढ़ रहा, देखो भ्रष्टाचार।सभी स्वार्थ में हैं घिरे, सारे ही नर-नार॥ जनसंख्या व्यापक बढ़ी, जिसका ओर न छोर।घटती बिल्कुल भी नहीं, कर लो कितना शोर॥ राजनीति का है पतन, चाहत केवल वोट।कुर्सी की मंशा लिए, … Read more

नटखट लीला नटवरलाल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* वासुदेव मथुरा जनम, लिये रुक्मिणी प्रीत।नंदगाँव नंदज प्रकट, राधा रमण प्रणीत॥ हुए प्रकट भुवि खलदलन, दामोदर संसार।मातु देवकी कोख से, विष्णु पूर्ण अवतार॥ प्रकटित केशव रोहिणी, द्वितीय चरण नक्षत्र।गोकुल में तृतीय चरण, शेषनाग धर छत्र॥ लीला सोलह मानवी, जगन्नाथ गोविन्द।रच लीला बहु विविधता, कुसुमित मुख अरविन्द॥ व्रजवासी गोपीरमण, यशोमती … Read more

बलिदान

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* १५ अगस्त विशेष… पंद्रह अगस्त का दिवस, आजादी का पर्व।आज सभी हैं कर रहे, बलिदानों पर गर्व॥ भारत वसुधा के लिए, त्याग दिए सुख-चैन।आजादी की राह में, लगे रहे दिन रैन॥ देशभक्ति की आन पर, छोड दिए घर द्वार।आजादी के यज्ञ में, आहुति को तैयार॥ ऐसे हर इक वीर का, … Read more

मिटे तिमिर मन से

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सावन मनभावन सरस, विश्वनाथ शिवधाम।मिटे तिमिर मन सत्य से, शिवप्रकाश अविराम॥ अन्तर्मन की हर व्यथा, करें भाव उद्रेक।सत्य कठिन प्रकटीकरण, रखो सोच हिय नेक॥ सत्य कथन अरु श्रवण भी, सहन कठिन संसार।पीड़ हृदय नयनाश्रु से, स्वयं प्रकाशित सार॥ मन ही मन पीड़ा सहन, अन्तर्दहन विशाल।श्रेष्ठ क्लेश बहि उत्सृजन, अन्तर्नाद … Read more

बनो सीप के मोती

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* बनो सीप के मोती, कर्मवीर गुणवान।मददगार आपद समय, इन्सानी भगवान॥ रखो स्वयं पर आस्था, बढ़ो धेय संकल्प।धीरवान बन सीप सम, उद्यम नहीं विकल्प॥ करो प्रतीक्षा समय की, नियति सत्य ध्यातव्य।अविरत पौरुष प्रगति पथ, रचो कीर्ति अस्तित्व॥ एक बूँद हो स्वाति जल, मोती बनते सीप।कठिनाई बाधा सहे, बनता देश महीप॥ … Read more

करो विदाई झूठ की

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* करो विदाई झूठ की, तो महके संसार।करना केवल सत्य से, बंदे तू नित प्यार॥ करो विदाई द्वेष की, वरना हो अवसान।जिनका पावन मन रहे, वे पाते उत्थान॥ करो विदाई क्रोध की, बनें बिगड़ते काम।जीवन होगा मांगलिक, विहँसें नव आयाम॥ करो विदाई जो बुरा, मद्यपान दो छोड़।दुर्व्यसनों की राह को, बंदे तू … Read more

जीवों से रखें अनुराग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नागपंचमी पर्व का, सुंदर बहुत विधान।संस्कारों की देह में, नैतिकता के प्रान॥ नाग पूजकर पुण्य ले, खुश होते हैं ईश।मिले प्रकृति का साथ नित, मिलता है आशीष॥ नाग जीव सादा-सरल, जीने का अधिकार।जब तक छेड़ो मत उसे, देता नहिं फुंफकार॥ दूध पिला पूजन करो, वंदित हो अब नाग।सब जीवों से हम … Read more