चंद्रघंटा माता नमन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* दिवस तीसरा तापमय, करता है कल्याण।मातु चंद्रघंटा नमन्, जो पापों पर बाण॥ लाल रंग भाता जिन्हें, अति भाती है खीर।माता करतीं दूर नित, हम भक्तों की…

Comments Off on चंद्रघंटा माता नमन

पूजन शक्ति विधान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मास चैत्र नववर्ष में, पूजन शक्ति विधान।गुप्त पुण्य में, अनुष्ठान माँ गान॥ नवदुर्गा पूजन करूँ, नारी शक्ति महान।माँ तारा जग तारिणी,भक्ति शक्ति दो दान॥…

Comments Off on पूजन शक्ति विधान

वियोग

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* योग रहे प्रभु से सदा, होय न कभी वियोग।छूटा प्रभु का साथ तो, मिटे न भव के रोग॥ साजन गए विदेश में, चला गया मन…

Comments Off on वियोग

अक्षर ही परब्रह्म

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अक्षर-अक्षर से बने, शब्द अर्थ संसार।प्रकटित अन्तर्भाव स्वर, सदाचार व्यवहार॥ अक्षर नित जीवन प्रथम, चतुर्वेद आलोक।शब्द अर्थ अभिव्यंजना, मिले कीर्ति हर शोक॥ नभ प्रभात…

Comments Off on अक्षर ही परब्रह्म

कठिन साधना

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* कठिन साधना जाप से, जपें आपका नाम।सभी वासना नाश हो, सदा बोलते राम॥ रखो हौसला नित्य ही, मातु शारदा साथ।पूरी हो मन कामना, शीश आपका…

Comments Off on कठिन साधना

सत्कर्म ही पूंजी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* समझो मानव तब सफल, मार्ग ध्येय सत्कर्म।पूँजी बस सत्कर्म यश, दुर्लभ जीवन मर्म॥ यायावर पथ सत्य का, समझ नहीं आसान।दुर्गम बाधित कँटीली, सत्कर्मी पथ…

Comments Off on सत्कर्म ही पूंजी

केसरिया रंग मोहे

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* केसरिया नित मांगलिक, धर्म सनातन मान।भारत माँ परिधान यह, ध्वजा तिरंगा शान॥ केसरिया परिधान मन, मोहे प्यारे रंग।लगे प्रिया तनु चारुतम, भर दे प्रीति…

Comments Off on केसरिया रंग मोहे

करते हैं अनुराग

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* रंग बरसे…(होली विशेष)... चुनर भीगी जा रही, कान्हा खेलें फाग।भर पिचकारी मारते, करते हैं अनुराग॥ बरजोरी कान्हा करे, फागुन के दिन चार‌।रहते राधा साथ वो,…

Comments Off on करते हैं अनुराग

पिया पलासी हो गए, गोरी भई गुलाल

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ रंग बरसे… (होली विशेष)... बिगड़े-बिगड़े चेहरे, रंग-बिरंगे गाल।होली के त्योहार में, लोग हुये बेहाल॥ प्रकृति सकल गोरी बनी, मचा रही हुर्दंग।टेसू के मिस तरु विटप, खेल रहे हैं…

Comments Off on पिया पलासी हो गए, गोरी भई गुलाल

ऊँच-नीच जले होलिका

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रंग बरसे…(होली विशेष)... धर्म सनातन पर्व शुभ, होली का त्यौहार।धवल रक्त पीला हरित, फागुन रंग बयार॥ भारत जन उल्लास मन, फागुन होली रंग।भीगे रंगों…

Comments Off on ऊँच-नीच जले होलिका