फैसला पलट किया उजाला

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की कोशिश से जुड़े मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाकर न्याय की संवेदनशीलता को संबल दिया है। इससे जहां न्याय की निष्पक्षता, गहनता एवं प्रासंगिकता को जीवंत किया गया है, वहीं महिला अस्मिता एवं अस्तित्व को कुचलने की कोशिशों को … Read more

स्तुति चारों धाम की

पी.यादव ‘ओज’झारसुगुड़ा (ओडिशा)********************************************** ‘धरती के कण-कण में पावन तेरा नाम,प्रभु तेरे चरणों पे, बसे हैं चारों धाम।ईश्वर, खुदा, वाहेगुरु, सब तेरा ही नाम,कोई कहे रहीम तुझे, कोई कहे प्रभु राम।’परमात्मा कण-कण में समाया हुआ है।परमात्मा को ढूंढने के लिए अन्यत्र कहीं और जाने की आवश्यकता ही नहीं है।आत्मा में बसा दिव्य प्रकाश, जो निरंतर अपनी … Read more

लेख न्यायिक प्रक्रिया में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता हो

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** भारत की न्याय प्रणाली विसंगतियों एवं विषमताओं से घिरी है। न्याय-व्यवस्था जिसके द्वारा न्यायपालिकाएं अपने कार्य-संचालन करती है, वह अत्यंत महंगी, अतिविलंबकारी और अप्रत्याशित निर्णय देने वाली है। ‘न्याय प्राप्त करना और इसे समय से प्राप्त करना किसी भी राज्य व्यवस्था के व्यक्ति का नैसर्गिक अधिकार होता है।’ ‘न्याय में देरी न्याय … Read more

देश को शर्मशार करता ‘माननीयों’ का व्यवहार

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ संसद देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है, जिसे जनता के हितों की रक्षा और देश की प्रगति के लिए कार्य करना होता है। यह वह स्थान है, जहाँ नीति निर्माण और राष्ट्रीय हितों के मुद्दों पर चर्चा करके निर्णय लिए जाते हैं, परंतु पिछले कुछ वर्षों से संसद में होने वाले अमर्यादित … Read more

वीर सपूतों का बलिदान अमर रहे

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** हमारी स्वतंत्रता की कहानी एक दिन की घटना नहीं है। इस सिर्फ अहिंसा नहीं, अपितु रक्तरंजित सच्ची कहानी को लिखने में अनेक महान क्रांतिकारियों का योगदान रहा। उन क्रांतिकारियों में ३ विशिष्ट नाम-सरदार भगत सिंह,सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु के थे। आजादी के लिए इनके किए गए बलिदान को … Read more

सभ्यता और संस्कृति के पुरोधा ‘ऋषभ देव’

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** जन्म जयन्ती (२२ मार्च) विशेष… जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ यानी भगवान ऋषभदेव विश्व संस्कृति के आदि पुरुष, आदि संस्कृति निर्माता थे। वे प्रथम सम्राट और प्रथम धर्मतीर्थ के आद्य प्रणेता थे। जैन, बौद्ध और वैदिक परम्परा में ही नहीं, विश्व की अन्य संस्कृतियों में भी उनकी यशोगाथा गाई गई है। … Read more

प्रकृति का श्रेष्ठ नियम है ‘जियो और जीने दो’

पी.यादव ‘ओज’झारसुगुड़ा (ओडिशा)********************************************** आ तू मेरी परछाई बन जा,मैं तेरी परछाई बन जाता हूँजी लेंगे दोनों साथ-साथ,दोनों में हो जाए जो याराना।जी हाँ, जिंदगी संग-संग, साथ जीने की सबसे बड़ी इबादत है। इस धरती पर जो भी मनुष्य या अन्य प्राणी जन्म लेता है, उसे किसी न किसी की आवश्यकता अवश्य ही पड़ती है। इंसान … Read more

पिता का महत्व…

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** ४५ वर्षीय दीवान की नौकरी छूट गई थी, बॉस ने जलील करके ऑफिस से निकाल दिया था। पिछले १२ महीनों में तीसरी बार उसे नौकरी से निकाला गया था। रात हो चुकी थी। वह बाजार में पेड़ के नीचे रखी एक बेंच पर बैठा था। घर जाने का उसका जरा भी … Read more

समरसता की मानक है होली

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* होली सतरंगी खुशियों, मुस्कान, अपनापन, मधुरिम रिश्तों, माधुर्य, सद्भावना, भक्ति, समरसता, सहजता, औदार्य, उदात्त, परस्पर व्यवहार, वास्तविक फागुनी प्राकृतिक सौन्दर्यीकरण एवं सुस्वादु पकवानों का सत्यजय आनंदमय पर्व है। प्रेम और सत्य के इन्द्रधनुषी रंगों की विविधताओं से सम्पन्न रंगोत्सव मानवीय आनन्दप्रद सौहार्द्र पूर्णाचरण का मानसरोवर है, जिसमें हंस हो … Read more

दुष्कर्म से शर्मसार होता देश, सख्त होना होगा

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** ‘अतिथि देवो भवः’ भारतीय संस्कार में मेहमान को भगवान का दर्जा दिया गया है, लेकिन आए दिन विदेशी मेहमानों के साथ हो रहे अपराध, यौन-दुराचार एवं व्यभिचार इसे धता बता रहे हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद विदेशियों के साथ होने वाले अपराध कम नहीं हो रहे हैं। हाल ही में २ विदेशी … Read more