मानवता का ‘रतन’ चला गया…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता और इसमें आपकी अमीरी कहीं आड़े नहीं आती है, यह सीख सादगी और नेतृत्व की अद्भुत मिसाल एवं आदर्श रतन…

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कलियुग का रावण

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** अखबार में एक खबर पर नज़र पड़ी… इस बार रावण बनाने के लिए इम्पोर्टेड कागज मंगवाया जा रहा है जापान से…। रावण भी ‘मेड इन…

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हितों पर कुठाराघात

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** बंगाल में हिंदी-उर्दू की उपेक्षा... यह उत्तर भारतीयों के ही नहीं, अन्य राज्यों में बसे बंगालियों के हितों पर भी कुठाराघात है। बंगाल में ५७ लाख…

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‘पुरुषार्थी’ राम की राह चलिए…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** विजयादशमी पर्व विशेष... मित्रों, रावण महाग्यानी था या अधर्मी, इसकी बजाए हम अपनी सोचें तो ही जीवन सार्थक हो सकेगा। स्वार्थ छोड़कर, मजहबों में नहीं बंटकर, मतलबों…

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शक्ति की साधना, धर्म-कर्म और जीत का पर्व

ललित गर्ग दिल्ली************************************** विजयादशमी विशेष.... भारतीय त्योहार एवं मेले जहां संस्कृति के अभिन्न अंग हैं, वहीं प्रेरणाओं से भी जुडे़ हैं। एक ऐसा ही अनूठा पर्व है दशहरा। भारत के…

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विनाश ही विनाश, संकल्प अवश्य लो

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** हर तरफ विनाश ही विनाश है। कुछ देशों की अति विस्तारवादी नीतियों ने सारे विश्व को युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। एक युद्ध खत्म…

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हिंदी की लिपि और नया संस्करण

प्रकाश निर्मल,पुणे (महाराष्ट्र)**************************************** यह सर्व विदित है कि जॉर्ज अब्राहम ग्रीअर्सन ने कई वर्षों के अध्ययन के बाद भारतीय भाषाओं का एक विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट १९१६ में प्रकाशित की थी।…

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‘सर्वोच्च’ टिप्पणी से पत्रकारों की स्वतंत्रता को मिला बल

ललित गर्ग दिल्ली************************************** सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध सिर्फ इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए, क्योंकि उनके लेखन को सरकार की…

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गरबे का थोथा गर्व

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** नवरात्रि के आते ही जैसे शहर में महापर्व का बिगुल बज उठा हो। चारों तरफ गरबा और डांडिया की धूम है। सड़कों से लेकर गलियों…

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न जन्म सहज, न मृत्यु…

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** पुराने समय में महिलाएं प्रसव घर पर ही करती थी। उस समय दाईयाँ होती थी, जो सुरक्षित प्रसव कराती थी। अस्पताल जाने की जरूरत ही…

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