अच्छी किताबों की घरेलू पहुंच सुनिश्चित हो

ललित गर्ग दिल्ली************************************** विश्व पुस्तक मेला... इंसान की ज़िंदगी में विचारों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान है। वैचारिक क्रांति एवं विचारों की जंग में पुस्तकें सबसे बड़ा हथियार है। यह हथियार…

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लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रतिष्ठापना के लिए समान कानून की बड़ी जरूरत

ललित गर्ग दिल्ली************************************** उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने समान आचार संहिता (यूसीसी) के मसौदा बिल को मंजूरी दे दी है, इसी विशेष सत्र में इसे आसानी से पारित भी कर दिया जाएगा।…

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सभी २२ भारतीय भाषाओं का समर्थन मौजूद

बालेन्दु शर्मा दाधीच (प्रौद्योगिकीविद्) ****************************************************** महावीर सरन जैन के लेख पर टिप्पणी.... आदरणीय महावीर सरन जैन जी के लिए अत्यंत सम्मान रखते हुए मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि, यह…

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हिंदी के प्रचार की संस्थाओं की दशा-दिशा

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान और उसके पश्चात अनेक राष्ट्रीय नेताओं और देशप्रेमियों ने राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय संवाद की दृष्टि से हिंदी भाषा के लिए अनेक…

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योग-अध्यात्म-संयम से मिलेगी जीत

ललित गर्ग दिल्ली************************************** 'विश्व कैंसर दिवस' (४ फरवरी) विशेष... हर साल लाखों लोग 'कैंसर' से मरते हैं, जो विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण है। कैंसर से लड़ने के…

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वे भाषाएँ ही टिकेंगी, जो विकसित हो जाएंगी

प्रो. महावीर सरन जैन*********************************** सूचना प्रौद्यौगिकी के संदर्भ में भारतीय भाषाओं की प्रगति एवं विकास के लिए एक बात की ओर विद्वानों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। व्यापार, तकनीकी…

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प्रसन्न रहें, दूसरों को भी आगे ले जाएं

ललित गर्ग दिल्ली************************************** जीवन का एक बड़ा सच है कि, इंसान जिस दिन रोना बंद कर देगा, उसी दिन से वह जीना शुरू कर देगा। थके मन और शिथिल देह…

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राम मंदिर:आस्था या राजनीति

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** इस देश की आत्मा में राम बसे हैं। हर भारतीय के मन में राम बसे हैं। रामराज्य जैसा युग ना कभी आया और ना ही शायद कभी…

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राष्ट्र के प्रति नागरिक-दायित्व और निष्ठा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* स्वतंत्र देश और हमारी ज़िम्मेदारी... हर स्वतंत्र देश के नागरिकों का दायित्व है कि, वे संविधान का पूरी तरह से पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थाओं,…

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सामाजिक व्यवस्था में मूलभूत संशोधन की आवश्यकता

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ स्वतंत्र देश और हमारी जिम्मेदारी... प्रथम तो हमें स्वतंत्रता का अर्थ समझना होगा, तभी हम अपनी जिम्मेदारी समझ सकते हैं। दशकों पहले स्वतंत्रता का अर्थ 'जिओ और जीने…

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