विद्या ददाति विनयम्
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** जिस तरह से हरा-भरा पेड़ जब फलों से लद जाता है, तो झुक जाता है, उसी तरह से समझदार व्यक्ति जितना अधिक ज्ञान प्राप्त करता है और…
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** जिस तरह से हरा-भरा पेड़ जब फलों से लद जाता है, तो झुक जाता है, उसी तरह से समझदार व्यक्ति जितना अधिक ज्ञान प्राप्त करता है और…
ललित गर्ग दिल्ली************************************** अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस (३दिसम्बर) विशेष... हर वर्ष ३ दिसम्बर का दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकलांग (दिव्यांग) व्यक्तियों को समर्पित है। विकलांग भी किसी से कम नहीं, उन्हें…
गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)********************************************* यह मानव शरीर परमपिता परमेश्वर की अनमोल संरचना है। इस मानव शरीर का मूल्य आप आँक ही नहीं सकते। सभी जानते हैं कि, जब इन्सान माँ…
ललित गर्ग दिल्ली************************************** 'डीपफेक' व्यक्तिगत जीवन से आगे बढ़ कर अब राजनीतिक एवं वैश्विक सन्दर्भों के लिए एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है। इक्कीसवीं सदी में कृत्रिम बौद्धिकता (एआई)…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** शाकाहारी और मांसाहारी भोजन करना इंसान की अपनी निजी पसंद होती है। देखा जाए तो शाकाहारी भोजन में स्वास्थ्य के लिए उपयोगी पोषण तत्व रहते ही हैं।शाकाहारी…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** 'साहित्य समाज का दर्पण होता है', इस पंक्ति से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। किसी भी काल-खंड की तस्वीर जब हम देखना चाहते हैं, तो उस…
ललित गर्ग दिल्ली************************************** चुनाव चाहे लोकसभा के हो, विधानसभा या फिर नीचे के लोकतांत्रिक संगठनों के, जहां नीति, नैतिकता एवं पवित्रता की बात पीछे छूट जाती है, वहां न केवल…
ललित गर्ग दिल्ली************************************** जयन्ती (२७ नवम्बर) विशेष.... परम सत्ता या संपूर्ण चेतन सत्ता के साथ तादात्म्य स्थापित कर समस्त प्राणी जगत को एकता के सूत्र में बांधने वाले ‘सिख’ समुदाय…
ललित गर्गदिल्ली************************************** अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस (२५ नवम्बर) विशेष... पूरे विश्व में महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण एवं उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के उन्मूलन हेतु संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जीवन रिश्तों से ही चलता है, और यह इसकी साँस है, पर बदलते परिवेश, परवरिश और सुविधाओं के संस्कारों से यह सिमट रहा है। हाल ही में…