जन-जन का हित हो

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रामराज... 'रामराज' का अर्थ है सुराज व सुशासन। तुलसीदास जी ने 'रामचरितमानस' में रामराज पर पर्याप्त प्रकाश डाला है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के सिंहासन पर…

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भारत की आर्थिक तरक्की से चकित विश्व

ललित गर्गदिल्ली************************************** भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे अधिक तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्रीय वार्ता को संबोधित करते हुए सतत विकास…

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पर्यावरण का सच्चा हितैषी लोकपर्व ‘छठ पूजा’

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)********************************************* लोकपर्व 'छठ पूजा' में भगवान सूर्य नारायण और उनकी बहन षष्ठी को ‘छठी मैया’ के रूप में पूरी श्रद्धा व भावना रखकर पूजा जाता है।ऐसा माना…

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राम राज जन-जन का कर्तव्य

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* राम-राज... 'सत्य रूप अमर हर कण में बसे प्रभु राम,आओ हम सब राम से,सीखें, कैसे होये काम।'राम-राज की कल्पना ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, देवी…

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घरेलू हिंसा के शिकार होते पुरुष ?

ललित गर्गदिल्ली************************************** 'अन्तर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (१९ नवम्बर)' विशेष... 'अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस' माता-पिता के अलगाव, पत्नी की उपेक्षा, दुर्व्यवहार, बेघर होना, रोजगार, आत्महत्या और हिंसा सहित पुरुषों द्वारा सामना किए जाने…

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‘अहिंसा’ का स्वर्णयुग भारत में…कल्पना

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* चिंतन.... भारत में आज हिंदी की वकालत अंग्रेजी में की जाती है और वे अपनी संतानें अंग्रेजी भाषा में पारंगत कराते हैं। इसी प्रकार अहिंसा का गुणगान हिंसक…

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सहिष्णुुता से ही मानवता का अभ्युदय संभव

ललित गर्गदिल्ली************************************** अन्तर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस (१६ नवम्बर) विशेष... विश्व में सहिष्णुता को बढ़ावा देने और जन-जन में शांति, सहनशीलता एवं संवेदना के लिए जागरूकता फैलाने हेतु हर वर्ष १६ नवंबर…

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राम राज्य:कुर्सी की नहीं, जनता की भलाई के लिए सोचना होगा

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** राम-राज... २ अक्टूबर को महात्मा गाँधी के सम्मान में हर जगह राम धुन की शोर का नाद महात्मा गाँधी के कानों में भी स्वर्ग मे पड़ी, और…

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लगाएँ प्यार और इंसानियत के दीयों की कतार

ललित गर्गदिल्ली************************************** दीपावली एक लौकिक पर्व है। यह आत्म-ज्योति जगाने एवं भीतर की दुनिया को उज्ज्वल बनाने का पर्व है, इसलिए दीपों की कतारें लगाकर केवल बाहरी अंधकार को ही…

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आलोक-वंदना का महापर्व ‘दीपावली’

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* 'दीपों की हो वंदना, पूजित हो आलोक।यही कामना सुख पले, परे हटे दु:ख, शोक॥'दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दीवाली नाम दिया…

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