घाव तलवार से नहीं होता

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** वो कभी मार से नहीं होता। काम जो प्यार से नहीं होता। आज तकनीक़ का ज़माना है, वार तलवार से नहीं होता।…

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शुभ्र मातु भारती…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** हाथ में ध्वजा लिये,शुभ्र मातु भारती। भोर की नव रश्मियाँ,आरती उतारती॥ ये मंद सी बयार है,विहग गान गा रहे। हरित विटप और लता,रूप हैं सजा…

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आओ तो दिल की बात कह दूं

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** अक्सर रातों में जो करता हूँ खुद से खुद का वो संवाद कह दूं, तेरे होंठों से मेरे होंठों तक का सफर सर-ए-आम कह…

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जीवन नौका

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* प्रकृति चैत्र मास में जैसे,सकल नवल हो जाती है। जीवन को जीवन देकर माँ,नवजीवन खुद पाती है। तेज भले वैशाख धूप हो,पथ…

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माँ है गीता

अजय जैन ‘विकल्प इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* माँ है गीता,माँ है कुरान, माँ को करिए रोज प्रणाम। ईश्वर भी नमता जहां पर, माँ ही संसार में असली भगवान। जिसने पाला हमको,वो कैसे…

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राणा प्रताप..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ मेवाड़ी आन, महाराणा प्रताप देश की शान। राणा प्रताप, कोई न सह पाया उसका ताप। राणा महान, भूल नही पायेगा ये हिंदुस्तान। महल…

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माँ

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… शब्द नहीं है मेरे पास सीखा है एहसास जगाना, तूफानी लहरों पर भी सीखा है दीप जलाना। अक्षर भले न पढ़…

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एक बात बोलूं

मोनिका गौड़’मोनिका’ बीकानेर (राजस्थान ) ************************************************** मेरी छोटी-छोटी ख्वाहिशें, नन्हें से तुमसे ही जुड़े प्रश्न नाजुक-सी अन्तस की बातें, जब कहती हूँ वो देखो चाँद के पास झिलमिलाता एक सितारा,…

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हमको गढ़ती है माँ

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… ना शब्द है ना कोई बात जो माँ के लिए लिख पाऊं, उसके चरणों में मैं नित-नित शीश झुकाऊं, जग जननी है…

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माँ

शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’ मेरठ (उत्तरप्रदेश) ****************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ तुम केवल शब्द नहीं हो, तुम अक्षर अनुप्रासl तुम जननी निरकेवल भाषा तुम ममता का पत्र, तुम सामाजिक एक…

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